Edited By Anil Kapoor,Updated: 06 Jul, 2024 04:58 PM
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उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं में शुरू हुई रार थमने का नाम नहीं ले रही है… नेताओं की आपसी तकरार आम चुनाव में आए नतीजों के बाद से बीजेपी में और बढ़ गई है… जिसके चलते सरकार और संगठन में तालमेल नहीं है… ऐसे...
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं में शुरू हुई रार थमने का नाम नहीं ले रही है… नेताओं की आपसी तकरार आम चुनाव में आए नतीजों के बाद से बीजेपी में और बढ़ गई है… जिसके चलते सरकार और संगठन में तालमेल नहीं है… ऐसे में पार्टी नेतृत्व की ओर से राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को यूपी भेजा गया है… उनको हाईकमान की ओर से बीजेपी के भीतर यूपी में पनपे असंतोष को दूर करने की जिम्मेदारी दी गई है… संतोष के दौरे से बीजेपी में हलचल तेज होती दिखाई दे रही है… बीजेपी की बैठक में नेताओं के बीच बखेड़ा होने की संभावना के चलते विपक्ष की नजर भी इस पर लगी है।
बता दें कि शनिवार को शाम 4 बजे संगठन महामंत्री बीएल संतोष लखनऊ बीजेपी दफ्तर पहुंचेगे… यहां वो संगठन और सरकार के जिम्मेदार पदाधिकारियों की बैठक लेंगे… बीजेपी की इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर पार्टी और सरकार के तमाम बड़े नेता मौजूद रहेंगे… बीएल संतोष को बीजेपी आलाकमान ने पार्टी की यूपी इकाई में दिख रहे असंतोष को दूर करने का जिम्मा दिया है… इसलिए यूपी बीजेपी के जिम्मेदारों की लखनऊ में बैठक बुलाई गई है… जिसमें सरकार से संगठन तक कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी… इस बैठक में नेताओं के असंतोष पर जो फीडबैक आएगा… उसकी रिपोर्ट बीएल संतोष दिल्ली में पार्टी हाईकमान को देंगे।
अगर आम चुनाव में आए यूपी के परिणाम की बात करें, तो इस बार बीजेपी को यहां पर बड़ा झटका लगा है… साल 2014 में 71 और 2019 में 62 सीटें जीतने वाली बीजेपी 2024 में 33 सीटों पर सिमटी है… यह हाल तब है जब गुजरात के बाद यूपी बीजेपी का दूसरा सबसे मजबूत राज्य है… इसलिए यूपी में 80 में से 80 सीटों के जीतने का दावा बीजेपी के नेता कर रहे थे… लेकिन इस बार यूपी में कमल के मुरझाने का नुकसान बीजेपी की दिल्ली में सरकार बनाने में साफ दिख रहा है… एक दशक तक एनडीए के सहयोगी दलों और विपक्ष को अपने इशारों पर नचाने वाले पीएम मोदी और बीजेपी का हाल इस बार पहले से अलग है… भले ही तीसरी बार गठजोड़ की सरकार बीजेपी केंद्र में बनाने में कामयाब रही है… लेकिन अबकी बार घटक दलों के इशारों पर ही वो नाचने को मजबूर दिख रही है।
गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की TDP और बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार की JDU की बैसाखी पर मोदी सरकार इस बार टिकी है… पीएम मोदी और बीजेपी को यह नागवार तो गुजर रहा है… लेकिन सियासी मजबूरी के चलते इस कड़वे घूंट को दोनों सत्ता के अमृत काल में पी रहे हैं… इतना ही नहीं यूपी की एक सांसद वाली पार्टी अपना दल सोनेलाल और चंद विधायकों वाला दल निषाद पार्टी भी बीजेपी सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े कर रही है… अपना दल की मुखिया अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर आम चुनाव के बाद से योगी सरकार को घेरते दिख रहे हैं… ऐसे में बीजेपी नेता ही नहीं सहयोगी दल भी सरकार को आंख दिखाते नजर आ रहे हैं।
दरअसल, यूपी में हार के बाद जिलेवार बीजेपी में समीक्षा बैठकों का दौर चला था… हार की समीक्षा के दौरान पार्टी के नेताओं में एक-दूसरे पर आरोप लगाते हुए सिर फुटव्वल के हालात नजर आए थे… बीजेपी के नेता मीडिया में भी जमकर एक-दूसरे पर खूब छींटाकशी करते दिखे… इतना ही सूत्रों से खबर है कि बीजेपी की हार में यूपी के विधायकों की भूमिका भी अहम रही है… इन सब बातों को पार्टी आलाकमान ने गंभीरता से लिया है… इसलिए समीक्षा बैठक की रिपोर्ट के बाद राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को यूपी भेजा गया है… जो लखनऊ में बीजेपी के संगठन और सरकार में शामिल नेताओं की बैठक एक साथ ले रहे हैं… ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि दक्षिण भारत से आने वाले पार्टी के तेज तर्रार नेता बीएल संतोष यूपी बीजेपी के असंतोष को किस हद तक दूर कर पाते हैं… क्योंकि बीजेपी में मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है।