Edited By Imran,Updated: 29 May, 2023 01:36 PM

उत्तर प्रदेश विधान परिषद की रिक्त दो सीटों के लिए सोमवार सुबह मतदान शुरू हो गया। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो और समाजवादी पार्टी (सपा) के दो उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की रिक्त दो सीटों के लिए सोमवार सुबह मतदान शुरू हो गया। इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो और समाजवादी पार्टी (सपा) के दो उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। विधानसभा से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार सुबह नौ बजे से मतदान शुरू हो गया। बता दें कि विधानपरिषद के उपचुनाव में दोनों सीटों के लिए 11 बजे तक 403 में से 287 वोट अब तक पड़ चुके हैं।
निर्वाचन आयोग के अनुसार मतदान शाम शाम चार बजे तक चलेगा और शाम पांच बजे से वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। एक अधिकारी ने बताया कि सुबह ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना समेत कई मंत्री और विधानसभा सदस्यों ने अपना मतदान किया। मतदान के नतीजे भी आज शाम तक घोषित होने की संभावना है। विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से भाजपा उम्मीदवारों की जीत लगभग तय मानी जा रही है। विधान परिषद सदस्य लक्ष्मण आचार्य के इस्तीफे और बनवारी लाल दोहरे के निधन से रिक्त हुई दो सीटों के लिए मतदान हो रहा है। भाजपा ने मानवेंद्र सिंह और पदमसेन चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि समाजवादी पार्टी ने राम जतन राजभर और रामकरण निर्मल को अपना उम्मीदवार बनाया है। लक्ष्मण आचार्य कुछ समय पूर्व सिक्किम के राज्यपाल बनाए गए थे।
आचार्य का कार्यकाल जनवरी 2027 तक और दोहरे का कार्यकाल छह जुलाई 2028 तक था। दो सीट पर उपचुनाव के लिए अधिसूचना 11 मई को जारी की गई थी और 18 मई को नामांकन पत्र दाखिल करने का आखिरी दिन था। माना जाता है कि सपा ने लोगों को यह संदेश देने के लिए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है कि वह सत्ताधारी दल को बिना लड़ाई के आसानी से जीतने नहीं देगी। इन सीटों पर विधानसभा के सदस्य ही मतदान करेंगे और विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के बहुमत में होने के कारण पार्टी के दोनों प्रत्याशियों की जीत तय मानी जा रही है। उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 255 विधायक हैं, उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के विधायकों की संख्या 13 है। भाजपा की एक अन्य सहयोगी निषाद पार्टी के छह विधायक हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) के 109 विधायक हैं, जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के नौ विधायक हैं।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के छह विधायक हैं, कांग्रेस और जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के दो-दो विधायक हैं और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पास विधानसभा में एक सदस्य है।