Edited By Deepika Rajput,Updated: 12 Jan, 2019 04:04 PM
''राजनीति में कोई किसी का सगा या हमेशा विरोधी नहीं होता'' की कहावत उस समय सच साबित हुई जब राजधानी लखनऊ (Lucknow) के होटल ताज (Hotel Taj) में शनिवार को उत्तर प्रदेश की राजनीति के धुर विरोधी दलों ने ढाई दशक बाद एक बार फिर मंच साझा करके गठबंधन का ऐलान...
लखनऊः 'राजनीति में कोई किसी का सगा या हमेशा विरोधी नहीं होता' की कहावत उस समय सच साबित हुई जब राजधानी लखनऊ (Lucknow) के होटल ताज (Hotel Taj) में शनिवार को उत्तर प्रदेश की राजनीति के धुर विरोधी दलों ने ढाई दशक बाद एक बार फिर मंच साझा करके गठबंधन का ऐलान किया।
बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए प्रदेश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों सपा-बसपा ने शनिवार को यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में एक साथ मिलकर लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) लड़ने की घोषणा की है। लखनऊ के इसी होटल मेें उत्तर प्रदेश में हुए राज्य विधानसभा चुनाव से पूर्व 29 जनवरी, 2017 को अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 'यूपी के लड़के और यूपी को यह साथ पसंद है' नारे के साथ गठबंधन का ऐलान किया था।