Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 18 Jan, 2021 04:49 PM
कहते हैं कि आज के समय में बेटा और बेटी के बीच में कोई भेद नहीं रह गया है। माता और पिता अपनी दोनों ही संतानों पर दिल खोलकर प्यार लुटाते हैं। मगर इसके बावजूद लोग...
वाराणसी/मीरजापुरः कहते हैं कि आज के समय में बेटा और बेटी के बीच में कोई भेद नहीं रह गया है। माता और पिता अपनी दोनों ही संतानों पर दिल खोलकर प्यार लुटाते हैं। मगर इसके बावजूद लोग बेटी को पराया भी बना देते हैं। उत्तर प्रदेश के मीरजापुर में एक कपूत ने पिता को अपना लीवर देने से इंकार कर दिया तो बेटी आगे आई और उसने अपना लीवर पिता को दान दे दिया।
बता दें कि मीरजापुर जिले के बहुआर गांव में रहने वाले रविप्रकाश त्रिपाठी की तबीयत काफी दिनों से खराब चल रही थी। तबीयत के चलते कुछ महीने पहले ही वह बनारस के एक निजी अस्पताल में पहुंचे। जहां उन्हें डॉक्टरों ने बताया कि उनके लीवर में रिसाव है। इसके चलते लीवर बदलना पड़ेगा। ऐसे हालात में मौत के करीब खड़े पिता को बड़े बेटे सहित परिवार के लोगों ने लीवर देने से इंकार कर दिया लेकिन बेटी ही अपनी निकली।
आगे बता दें कि बड़ी बेटी वीणा जिसकी शादी मीरजापुर के कंचनपुर में मनीष उपाध्याय से हुई थी, उसने अपने ससुर व पति से पूरे हालात की चर्चा की। मनीष भी पत्नी के इस फैसले को सुनकर चौंकने के बाद बोला मानवजीवन ही परोपकार के लिए बना है,वह तो तुम्हारे पापा, हम तुम्हारे साथ है। ससुराल से न सिर्फ वीणा को इस अनूठे अंग दान के लिए अनुमति मिली बल्कि उसके ससुर और पति उसको लेकर मेदांता गुड़गांव पहुंच गए।
इसके बाद बेटी की मेहनत और पिता के लिए प्यार रंग लाया और आखिरकार पहली जुलाई को मेदांता में 11 घंटे चले आपरेशन के बाद पिता को लीवर सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट कर दिया गया, जिसके बाद पिता के साथ बेटी इस समय मेदांता में लीवर ट्रांसप्लांट के बाद धीरे-धीरे स्वस्थ्य हो रहे हैं।