शिवपाल यादव का फिर छलका दर्द, बोले- ‘अखिलेश के जवाब का बहुत किया इंतजार... अब होगा युद्ध’

Edited By Umakant yadav,Updated: 06 Oct, 2021 06:24 PM

shivpal yadav s pain again spilled said waited a lot for akhilesh s answer

समाजवादी पार्टी से गठबंधन के लिए लालायित प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि वो समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ओर से...

इटावा: समाजवादी पार्टी से गठबंधन के लिए लालायित प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा कि वो समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन सपा प्रमुख अखिलेश यादव की ओर से कोई सकारात्मक रूझान नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अखिलेश के जवाब का इंतजार करते-करते थक गये हैं अब तो युद्ध होना तय है। वह 12 अक्टूबर को मथुरा के वृंदावन से सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा निकालेंगे। 

शिवपाल सिंह यादव यही नहीं रूके इटावा में एक शो रूम के शुभारंभ मौके पर आज शाम उन्होंने नाम लिए बगैर अखिलेश को महाभारत के कौरवों का उदाहरण दे डाला और सपा को कौरवों की सेना करार दिया है। यादव ने महाभारत के पात्र द्रोणाचार्य भीष्म और दुर्याधन को कोई नहीं मार सकता था लेकिन पांडवो के साथ श्रीकृष्ण थे जिससे सब स्वाहा हो गया। महाभारत के कौरव पांडवों के संस्करण का जिक्र करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि हमने पांडवों की तरह केवल अपने और अपने साथियों का सम्मान ही मांगा है। हमारी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है। हम मंत्री भी रह चुके हैं, पार्टी अध्यक्ष भी बन चुके है ओर अब हम राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन गए हैं इसलिए मुझे कुछ नही चाहिए लेकिन राजनीति में संघर्ष के साथ-साथ त्याग बहुत ही जरूरी है।

यादव ने कहा कि कौरवों को पूरा राजपाठ दे दिया गया था और पांडवों को पांच गांव, हमने भी पांडवो की तरह अपने साथियों का केवल सम्मान मांगा है लेकिन वो भी नहीं मिल रहा है। हमको सम्मान दो या नहीं दो हमारे लोगों को केवल सम्मान दे दें। यादव ने स्पष्ट किया कि उनकी चाहत 2022 में भाजपा की सरकार को सत्ता से दूर रखने की है। इसके लिए हम चाहते हैं कि समाजवादी पार्टी से गठबंधन हो। अखिलेश यादव की ओर से कोई जवाब नहीं मिल रहा है। आज भी हमने अखिलेश यादव को मैसेज करने के साथ-साथ में फोन भी किया है लेकिन ना तो कोई जवाब मिला और ना ही कोई बात हो सकी।

शिवपाल का कहना है कि सपा से गठबंधन की पीएसपीएल की पहल को अखिलेश यादव लगातार नज़रंदाज़ कर रहे हैं। उनका कहना है कि नेता जी नहीं चाहते थे हमको सपा से अलग किया जाए लेकिन फिर भी हमको सपा से अलग कर दिया गया। पुरानी बातों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नेता जी जन्मदिन 22 नवंबर 2020 को कहा था कि एक हो जाये और तुम सीएम बनो मुझे कोई एतराज नहीं। इससे पहले 28 सितंबर को इटावा मे ही जिला सहकारी बैंक के चुनाव वाले दिन भी शिवपाल सिंह यादव ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि वो 11 अक्टूबर तक अखिलेश के जवाब का इंतजार करेगे उसके बाद उनकी समाजिक परिवर्तन यात्रा मथुरा वृंदावन से शुरू कर दी जायेगी ।

यादव ने कहा कि हमने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन के सारे प्रयास कर लिए है अब इंतजार पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के जवाब का है। समाजवादी पार्टी से गठबंधन के लिए हमारी पार्टी इंतजार कर रही है। अगर सपा की ओर से कोई जवाब नहीं मिला तो हमारी पार्टी उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा से चुनाव लड़ेगी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल के बीच साल 2017 सत्ता संघर्ष चल रहा है। 2019 के संसदीय चुनाव में शिवपाल सिंह यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया का गठन करके पूरे प्रदेश भर में अपने उम्मीदवार उतारे थे और खुद शिवपाल सिंह यादव फिरोजाबाद संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार अक्षय यादव के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे यहां शिवपाल सिंह यादव को करीब 93000 वोट हासिल हुए थे लेकिन उनकी जमानत जब्त हो गई थी।

बेशक शिवपाल सिंह यादव की जमानत जब्त हो गई हो लेकिन शिवपाल सिंह यादव के उतरने से अक्षय यादव चुनाव हार गए और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार चंद्र सिंह जादौन विजयी निर्वाचित हो गए। इसलिए समाजवादी पार्टी को चुनाव से पहले और चुनाव के बाद भाजपा की बी टीम कह कर संबेाधित किया जाने लगा। भाजपा की टीम के आरेापो से धिरने पर शिवपाल हमेशा यह सफाई जरूर देते है कि उनको भाजपा से कोई लेना देना नहीं है लेकिन शिवपाल इस बात को कईयो दफा स्वीकार कर चुके है कि भाजपा ने उनको पार्टी के शामिल होने का आंमत्रण दिया जिसे उन्होंने स्वीकारा नहीं है।

फिरोजाबाद जैसा ही कुछ प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के राज्य भर ओर देश भर में उतरे संसदीय उम्मीदवारों का भी हुआ। किसी की जमानत पर नहीं बची । केवल पीएसपी चीफ शिवपाल सिंह यादव ही 93000 सम्मानजनक वोट हासिल हुआ। संसदीय चुनाव में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी की बुरी तरह से करारी हार के बाद शिवपाल सिंह यादव लगातार समाजवादियों को एक करके समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने की वकालत कर रहे हैं । संसदीय चुनाव में करारी हार के बाद अपने बड़े भाई और समाजवादी पार्टी के संरक्षक के मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन अवसर पर सैफई में आयोजित समारोह में शिवपाल सिंह यादव ने स्पष्ट तौर पर कह दिया था कि वह पारिवारिक एकता के लिए किसी भी तरीके के समर्पण के लिए तैयार हैं जिसको समाजवादी पार्टी ने कोई तब्बजो नही दी। होली, दीपावली कई ऐसे अवसर आए जिसमें शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव का आमना सामना तो हुआ लेकिन वार्ता संभव नहीं हो सकी। सैफई में ही पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव की बहन दीपाली की शादी के अवसर पर भी ऐसा माना जा रहा था कि शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच वार्ता संभव है लेकिन यह वार्ता केवल चर्चाओं तक ही सीमित रह गई।

एक अगस्त को अपने निर्वाचन इलाके जसंवतनगर मे शिवपाल सिंह यादव का खुलेआम किये गये एक संबोधन की चर्चा हर ओर से इस समय होती हुई दिख रही है जिसमे उन्होने कहा कि 2022 विधानसभा मे यूपी मे किसी की भी सरकार बने पीएसपी सरकार मे शामिल होगी। पिछले साल दीवाली 14 नंबवर को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शिवपाल सिंह यादव के लिए जसवंतनगर विधानसभा की सीट छोड़ देना का ऐलान किया करते हुए कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश में 2022 मे सरकार बनती है तो उनको कैबिनेट मंत्री बनाकर के सम्मान दिया जाएगा लेकिन शिवपाल सिंह यादव को अखिलेश यादव का यह आफर रास नहीं आया और शिवपाल सिंह यादव की तरफ से लगातार अपनी हैसियत बताते हुए कई तरीके के गंभीर बयान दिए गए जिसके बाद अखिलेश यादव आज तक एकमात्र जसवंतनगर सीट देने की ही बात हर समय कहते है।                         

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