Edited By Pooja Gill,Updated: 18 Nov, 2024 12:31 PM
झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को हुई घटना में 11 बच्चों की मौत ने लोगों के दिलों को झकझोर कर रख दिया। इस हादसे के दौरान एक नर्स ने जज्बा दिखाते हुए स्टाफकर्मियों की मदद से 15 बच्चों को बचाकर...
झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को हुई घटना में 11 बच्चों की मौत ने लोगों के दिलों को झकझोर कर रख दिया। इस हादसे के दौरान एक नर्स ने जज्बा दिखाते हुए स्टाफकर्मियों की मदद से 15 बच्चों को बचाकर बाहर निकालने में सफलता हासिल की। दरअसल, घटना के वक्त नर्स मेघा जेम्स ड्यूटी पर थीं। अस्पताल के नवजात शिशु चिकित्सा इकाई में अचानक आग लगने पर जहां एक तरफ अफरा-तफरी मची थी वहीं मेघा ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अन्य स्टाफकर्मियों की मदद से करीब 15 बच्चों को बचाने में सफलता हासिल की। बच्चों को बचाते वक्त मेघा के कपड़ों का एक हिस्सा जल गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
मेरी सलवार में आग लग गईः नर्स
मेघा ने घटना का जिक्र करते हुए कहा, “मैं एक बच्चे को टीका लगाने के लिए सिरिंज लेने गई थी। जब मैं वापस आई तो मैंने देखा कि (ऑक्सीजन) कंसंट्रेटर में आग लगी हुई थी। मैंने वार्ड बॉय को बुलाया। वह आग बुझाने वाले यंत्र को लाया और आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक आग फैल चुकी थी।” उन्होंने बताया, “मेरी चप्पल में आग लग गई और मेरा पैर जल गया। फिर मेरी सलवार में आग लग गई। किसी तरह दूसरी सलवार पहनकर में बचाव अभियान में जुट गयी। बहुत धुआं था और एक बार जब लाइट चली गई तो हम कुछ भी नहीं देख पाए। फिर भी मैं और स्टाफ के कुछ साथी कम से कम 14 से 15 बच्चों को बचाकर बाहर लाये। वार्ड में 11 बेड थे, जिन पर 23-24 बच्चे थे।” मेघा ने बताया कि अगर लाइट नहीं गयी होती तो और भी बच्चों को बचाया जा सकता था।
सब बहुत अचानक हुआ: मेघा
मेघा ने कहा, “यह सब बहुत अचानक हुआ। हममें से किसी ने भी इसकी उम्मीद नहीं की थी।” सहायक नर्सिंग अधीक्षक नलिनी सूद ने नर्स मेघा जेम्स की बहादुरी की सराहना की। उन्होंने बताया, “अस्पताल के कर्मचारियों ने बच्चों को बाहर निकालने के लिए एनआईसीयू वार्ड के शीशे तोड़ दिए। इस बीच नर्स मेघा के कपड़ों में आग लग गई लेकिन इससे विचलित हुए बगैर वह बच्चों को बचाने के लिए डटी रहीं।” सूद ने बताया कि मेघा का अभी उसी अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। नर्सिंग अधीक्षक ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि वह (मेघा) आग में कितनी बुरी तरह झुलसी हैं।