Edited By Umakant yadav,Updated: 26 Jan, 2022 03:14 PM
राजपथ पर आयोजित 73वीं गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित की गई उत्तर प्रदेश की झांकी में आध्यात्मिक नगरी वाराणसी केंद्र में रही और झांकी में बनारस के घाटों से लेकर काशी विश्वनाथ धाम तक की शानदार झलक प्रस्तुत की गई।
नई दिल्ली/वाराणसी: राजपथ पर आयोजित 73वीं गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित की गई उत्तर प्रदेश की झांकी में आध्यात्मिक नगरी वाराणसी केंद्र में रही और झांकी में बनारस के घाटों से लेकर काशी विश्वनाथ धाम तक की शानदार झलक प्रस्तुत की गई।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वाकांक्षी काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के पहले चरण को बीते साल 13 दिसंबर को जनता को समर्पित किया था। इस परियोजना के जरिये दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में शुमार वाराणसी में पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। उत्तर प्रदेश की झांकी की शुरुआत प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर के एक मॉडल से हुई। बताया जाता है कि होलकर साम्राज्य की महारानी अहिल्याबाई होलकर ने 1780 के आसपास इस मंदिर का निर्माण किया था। जैसे-जैसे झांकी राजपथ पर बढ़ती गई, उसके साथ बजते गीत ने नए काशी विश्वनाथ धाम के प्रदर्शन के बीच यह बयां किया कि इसने कैसे श्रद्धालुओं को मंदिर और गंगा के बीच सीधा संपर्क दिया है।
झांकी में काशी विश्वनाथ धाम के तीन प्रवेश द्वारों की झलक भी पेश की गई। इसमें एक तरफ बनारस के लोकप्रिय घाट नजर आए, जिन पर पंडे और आम श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते दिखे।