Edited By PTI News Agency,Updated: 18 Oct, 2020 08:55 PM
लखनऊ, 18 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1090, 181 समेत तमाम हेल्पलाइन नम्बरों पर भोजपुरी और बुंदेलखंडी भाषा में भी बातचीत की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए रविवार को कहा कि इससे क्षेत्रीय बोली में अपनी...
लखनऊ, 18 अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 1090, 181 समेत तमाम हेल्पलाइन नम्बरों पर भोजपुरी और बुंदेलखंडी भाषा में भी बातचीत की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए रविवार को कहा कि इससे क्षेत्रीय बोली में अपनी बात कह पाने वाली महिलाओं को सहूलियत होगी।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 'मिशन शक्ति' के दूसरे दिन महिला ग्राम प्रधानों, बीडीसी सदस्यों, ब्लाक प्रमुखों तथा पार्षदों, नगरीय निकायों की अध्यक्षों, स्वयं सेवी संगठनों और महिला शिक्षकों से किया डिजिटल माध्यम से संवाद करते हुए कहा कि 1090, 181, 1076 और 112 जैसे जनोपयोगी हेल्पलाइन नम्बरों के प्रचार-प्रसार की जरूरत है।
उन्होंने बलिया जिले के रतसार कला गढ़वार गांव की प्रधान स्मृति सिंह की अपील पर कहा कि 1090, 181 और 112 सहित अन्य हेल्पलाइन नम्बर पर भोजपुरी और बुंदेलखंडी में भी बात करने की सुविधा हो। क्षेत्रीय बोली में अपनी बात कह पाने की सुविधा होने पर महिलाओं को सहूलियत होगी।
योगी ने कहा कि बदलते दौर में एक बार फिर 'गांव की बेटी सबकी बेटी' के भाव को जगाने की जरूरत है। यह हमारी संस्कृति और संस्कार हैं। गांव से लेकर महानगरों तक इसकी गूंज होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सुरक्षा तथा सम्मान को सुनिश्चित करने के साथ-साथ स्वावलंबन के लिए केंद्र व राज्य सरकार सतत प्रयास कर रही है, मगर मुकम्मल सफलता महिलाओं के सहयोग और जागरूकता से ही मिल सकेगी।
योगी ने महिला जनप्रतिनिधियों के प्रगतिशील और सकारात्मक सोच तथा प्रयासों की तारीफ करते हुए कहा कि प्रदेश के विभिन्न ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में महिला जनप्रतिनिधियों की जागरूकता ने कई क्षेत्रों का कायाकल्प किया है।
उन्होंने कहा कि आप जैसे जागरूक लोगों के जरिये ही शासन की योजनाएं पात्र व्यक्तियों तक पहुंचती हैं। अगर जनप्रतिनिधि जागरूक न हो तो यह योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ कर दम तोड़ देती हैं।
शारदीय से बासंतिक नवरात्रि तक चलने वाले 'मिशन शक्ति अभियान का असर धरातल पर दिखे, इसके लिए मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम की त्रिस्तरीय समीक्षा के निर्देश दिए हैं। इसके मुताबिक शासन स्तर पर मुख्य सचिव हर महीने, जिलाधिकारी साप्ताहिक और संबंधित विभाग दैनिक समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय को इसकी रिपोर्ट भेजनी होगी।
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