कुवैत अग्निकांड में जान गंवाने वाले प्रवीण माधव का शव पहुंचा वाराणसी, मणिकर्णिका घाट पर होगा अंतिम संस्कार

Edited By Harman Kaur,Updated: 15 Jun, 2024 11:50 AM

praveen madhav s body reached varanasi

कुवैत में भीषण अग्निकांड में जान गंवाने वाले प्रवीण माधव सिंह का शव आज सुबह वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचा......

वाराणसी: कुवैत में भीषण अग्निकांड में जान गंवाने वाले प्रवीण माधव सिंह का शव आज सुबह वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुंचा। शव को इंडिगो एयरलाइंस के विमान से एयरपोर्ट पर लाया गया था। जहां से मृतक के शव को मणिकर्णिका घाट के लिए ले जाया गया। शव को देख परिजनों में चीख-पुकार मच गई।

बता दें कि बीते शुक्रवार को कुवैत में भीषण अग्निकांड में मारे गए 45 भारतीयों के शव लेकर वायुसेना का विशेष विमान कोच्चि में लैंड किया। यहां मारे गए भारतीयों के पार्थिव शरीर को लेने के लिए कोच्चि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नेदुम्बस्सेरी में स्थित एक टर्मिनल के बाहर करीब 35 एम्बुलेंस और पुलिस वाहन कतार में खड़े थे और पास ही में उनके परिजन भी नम आंखें लिए इंतजार कर रहे थे। यहां से मृतकों के शवों को एम्बुलेंस के जरिए उनके घर के लिए भेजा गया था। वहीं, आज शनिवार तड़के प्रवीण माधव सिंह का शव वाराणसी एयरपोर्ट पर पहुंचा। शव को लेने के लिए एयरपोर्ट पर उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर, ADM SDM पिंडरा प्रतिभा मिश्रा, जिला उपाध्यक्ष संजय सिंह, प्रोटोकॉल प्रभारी भाजपा शैलेश पांडेय, तहसीलदार पिंडरा विकाश पांडे और CISF के अधिकारी सहित अन्य लोग पहुंचे थे। प्रवीण माधव सिंह पिछले 15 साल से कुवैत में रह रहे थे। जहां वह स्टील फैक्ट्री में काम करते थे। बताया जा रहा है करीब दो महीने पहले प्रवीण छुट्टी लेकर शिवपुर स्थित अपने घर आए थे। अब दो महीने बाद उनका शव वाराणसी पहुंचा।

जानकारी के मुताबिक, कुवैत में हुई घटना में मरने वालों में उत्तर प्रदेश के प्रवीण माधव सिंह (वाराणसी) तथा जयराम गुप्ता और अंगद गुप्ता (दोनों गोरखपुर) शामिल हैं। इस बीच, राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस जानकारी के सामने आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के आला अधिकारी विदेश मंत्रालय और कुवैत स्थित भारतीय दूतावास के अधिकारियों से लगातार संपर्क में हैं। प्रवक्ता के मुताबिक, घटना में घायल लोगों की हालत अब खतरे से बाहर बताई जा रही है। मालूम हो कि मंगाफ शहर में बुधवार की सुबह एक बहुमंजिला इमारत में आग लगने से 42 भारतीयों समेत कुल 49 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत सरकार ने विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्द्धन सिंह को कुवैत भेजा था। मृतकों में से अधिकांश केरल और तमिलनाडु के निवासी हैं।

कुवैत में हुए दुखद अग्निकांड में अपने पति अंगद गुप्ता को खोने वाली रीता गुप्ता के आंसू लगभग सूख चुके हैं और अब वह अपने पति की तस्वीर सीने से लगाये उनके पार्थिव शरीर के गोरखपुर आने का इंतजार कर रही हैं। अग्निकांड से बमुश्किल एक दिन पहले रीता ने मंगलवार को अंगद से बात की थी। जटेपुर उत्तर निवासी अंगद गुप्ता (46) और गोरखपुर के भमौर गांव निवासी जयराम गुप्ता (40) उन 45 भारतीयों में शामिल हैं, जिन्होंने कुवैत अग्निकांड में अपनी जान गंवाई। अंगद की पत्नी रीता ने मंगलवार को उनके साथ हुई अपनी आखिरी बातचीत को याद किया। बुधवार को जब कुवैत में आग लगने की खबर दुनिया भर में फैली तो वह चिंतित हो गईं और उन्होंने अंगद से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनका फोन नहीं लग रहा था। इस अग्निकांड में कई लोगों की जान चली गई। अंगद ने 15 दिन पहले ही एक मॉल में नई नौकरी शुरू की थी और बताया था कि उन्होंने एक साल का अनुबंध किया है, जिसका मतलब है कि वह एक साल बाद ही घर लौटेंगे, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं हो सकेगा। अब उनका केवल शव वापस आएगा।

किस राज्‍य के कितने लोगों की मौत
कुवैत के मंगाफ शहर में बुधवार को छह मंजिला इमारत में भीषण आग लग गई थी, जिसमें कम से कम 49 लोगों की मौत हो गई। दूतावास ने कहा कि इमारत में 176 भारतीय कर्मचारी थे, जिनमें से 45 की मौत हो गई और 33 अस्पताल में भर्ती हैं। मरने वालों में केरल के 23, तमिलनाडु के सात, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश के तीन-तीन, ओडिशा के दो और बिहार, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड और हरियाणा के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।

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