Edited By Ramkesh,Updated: 22 May, 2025 07:53 PM

उत्तर प्रदेश की पुलिस ने उस 37 वर्षीय ऑटो-रिक्शा चालक को यहां गिरफ्तार किया है जिसको लेकर शक है कि वह म्यांमा का नागरिक है और अवैध रूप से भारत में रह रहा था। सहायक पुलिस आयुक्त (कोतवाली) आशुतोष कुमार ने कहा कि आरोपी मोहम्मद साहिल को बुधवार को बड़ा...
कानपुर: उत्तर प्रदेश की पुलिस ने उस 37 वर्षीय ऑटो-रिक्शा चालक को यहां गिरफ्तार किया है जिसको लेकर शक है कि वह म्यांमा का नागरिक है और अवैध रूप से भारत में रह रहा था। सहायक पुलिस आयुक्त (कोतवाली) आशुतोष कुमार ने कहा कि आरोपी मोहम्मद साहिल को बुधवार को बड़ा चौराहा पर नियमित वाहन जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया। साहिल को पुलिस ने उसके ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन से जुड़े दस्तावेजों की जांच के लिए रोका था। कुमार ने बताया कि पूछताछ के दौरान हिंदी न बोल पाने के कारण संदेह पैदा हुआ, जिसके बाद उसे आगे की पूछताछ के लिए थाने ले जाया गया।
पुलिस ने बताया कि पहचान और निवास प्रमाण दिखाने के लिए कहने पर, साहिल ने उन्नाव के शुक्लागंज से जारी एक आधार कार्ड दिखाया, जहां उसने पिछले आठ वर्षों से रहने का दावा किया। पुलिस के मुताबिक, हालांकि, गहन पूछताछ के दौरान वह टूट गया और उसने लगभग 10 साल पहले बांग्लादेश के रास्ते अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने की बात कबूल की। पुलिस अनुसार, साहिल ने बताया कि वह सबसे पहले बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में एक शरणार्थी शिविर में नाव से पहुंचा था और तीन साल तक वहां रहा तथा दलालों की मदद से भारत में घुसा और उसने दलालों को कथित तौर पर 1,200 रुपये दिए थे।
पुलिस ने बताया कि वह असम के रास्ते कानपुर पहुंचा। अधिकारियों ने बताया कि उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उन्नाव के शुक्लागंज में उसके किराए के मकान पर छापा मारा, लेकिन उसकी बहन, बहनोई और परिवार के अन्य सदस्य, गायब मिले और उनके भी म्यांमा के नागरिक होने का संदेह है। अधिकारियों ने बताया कि यह पता लगाने के लिए जांच शुरू की गई है कि परिवार बिना वैध दस्तावेजों के भारत में कैसे घुसा और रहने लगा। पुलिस ने बताया कि साहिल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।