Edited By Ramkesh,Updated: 30 May, 2024 01:36 PM
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उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां पर एक महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान परिजनों ने सुल्तानपुर के लाल मणि हास्पिटल में भर्ती कराया। जहां पर डॉक्टरों ने नार्मल डिलीवरी बताकर उनका ऑपरेशन किया। इस दौरान...
सुल्तानपुर: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां पर एक महिला को प्रसव पीड़ा के दौरान परिजनों ने सुल्तानपुर के लाल मणि हास्पिटल में भर्ती कराया। जहां पर डॉक्टरों ने नार्मल डिलीवरी बताकर उनका ऑपरेशन किया। इस दौरान डॉक्टरों ने महिला के पेट में स्पंज का बड़ा टुकड़ा छोड़ दिया और टांके लगाकर घर भेज दिया।
परिजनों के मुताबिक जब घर पहुंची तो उसके पेट में असहनीय दर्द होने लगा। उसके बाद महिला को केजीएमयू में दिखाया, जहां डॉक्टरों ने जांच कराई तो पता चला कि उनके पेट में स्पंज का टुकड़ा है, जिस वजह से इंफेक्शन हो गया है। डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि दोबारा ऑपरेशन करना पड़ेगा। उसके महिला का केजीएमयू में सफलतापूर्वक ऑपरेशन हुआ। तब जाकर महिला की जांच बची।
दरअसल, 33 वर्षीय पूजा लालमणि अस्पताल की सेवाएं ले रहीं थी। 5 जनवरी को प्रसव पीड़ा हुई और डॉक्टर ने पहले नार्मल डिलीवरी बताकर उनका ऑपरेशन कर दिया। 13 जनवरी को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया। पेट में भीषण दर्द होने पर केजीएमयू गईं। वहां अल्ट्रासाउंड में पाया गया कि ऑपरेशन के दौरान पेट में स्पंज छोड़ दिया गया है। इस वजह से आंतों में इंफेक्शन हो गया और उनकी जान पर बन आई। डॉक्टर की सलाह पर 28 जनवरी को पुन: ऑपरेशन किया गया और 7 फरवरी को डिस्चार्ज किया गया।
पीड़ित ने मामले की शिकायत राज्य उपभोक्ता आयोग में की। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अस्पताल को अलग-अलग मदों में 31.25 लाख रुपये मय ब्याज के देने का आदेश दिया। ब्याज सहित हर्जाने की राशि करीब 47 लाख रुपये होगी। जो पीड़ित को देने का आदेश दिया।