CM योगी से नाबालिग बेटी ध्वनि मांग रही इंसाफ, बोलीं- न्याय ना मिलने में भाजपा नेता ही बन रहे रोड़ा

Edited By Mamta Yadav,Updated: 19 May, 2025 07:07 PM

minor daughter dhwani is seeking justice from cm yogi

उत्तर प्रदेश के जनपद शामली से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक नाबालिक बेटी न्याय के लिए दर-दर ठोकरे खा रही है। वहीं इस बेटी को न्याय ना मिलने में भाजपा के नेता ही रोड़ा बने हुए हैं। वहीं बीजेपी का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा उस वक्त गलत साबित...

Shamli News, (पंकज मलिक): उत्तर प्रदेश के जनपद शामली से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक नाबालिक बेटी न्याय के लिए दर-दर ठोकरे खा रही है। वहीं इस बेटी को न्याय ना मिलने में भाजपा के नेता ही रोड़ा बने हुए हैं। वहीं बीजेपी का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा उस वक्त गलत साबित हो गया जब एक नाबालिक बेटी ने स्कूल में जाना ही छोड़ दिया। क्योकि इस नाबालिक बेटी को जान से मारने की धमकी भी मिल रही है। वहीं जिस बेटी को वर्तमान सरकार से न्याय की उम्मीद थी वही न्याय नहीं दिला पा रहे हैं। वहीं बेटी के सर से जैसे ही पिता का साया उठा तो चचेरे दादा ने लालच वश अपनी जीवित पौत्री को ही मार डाला। क्या है पूरा मामला आइये आपको पूरी कहानी से रूबरू कराते है।
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जैसे ही ध्वनि डेढ़ माह की हुई तो सिर से पिता का साया उठ गया
दरअसल, आज हम आपको ध्वनि नाम की एक ऐसी नाबालिक लड़की की कहानी सुनाने जा रहे हैं जिसने जन्म भी लिया और जिंदा भी है लेकिन उसके ही परिवार के कुछ लोगों ने लालचवश उसे जीतेजी मार डाला है। मामला वर्ष 2009 में जनपद शामली के थाना आदर्श मंडी क्षेत्र के गांव सिलावर का है। जहां प्रशांत उर्फ गोल्डी नाम का युवक रहता था। जिसके पिता का नाम परमजीत सिंह और माता का नाम सविता था। प्रशांत अपने मां-बाप की एकलौती संतान था। प्रशांत उर्फ गोल्डी की शादी सोनिया नाम की एक लड़की से हुई थी। जिसके यहां 2009 में एक कन्या ने जन्म लिया। जिसका नाम ध्वनि रखा गया था। बड़े ही लाड प्यार से ध्वनि का पालन पोषण हो रहा था। जैसे ही ध्वनि डेढ़ माह की हुई तो सिर से पिता का साया उठ गया। ध्वनि के जन्म के डेढ़ माह बाद ही प्रशांत का आकस्मिक निधन हो गया। वहीं ध्वनि के दादा परमजीत ने अपने खेत की लगभग 29 बीघा जमीन को ध्वनि के नाम वसीयत करते हुए अपनी धर्मपत्नी सविता को ध्वनि का संरक्षक बनाया।
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दादा ने बताया कि तुम प्रशांत उर्फ गोल्डी की बेटी नहीं हो
वहीं प्रशांत की मौत के बाद वर्ष 2011 में ध्वनि की मां सोनिया की शादी मुजफ्फरनगर जनपद के नीरज नाम के युवक के साथ कर दी गई। वहीं ध्वनि के दादा परमजीत का वर्ष 2014 में निधन हो गया। कुछ साल बाद ही 2021 में ध्वनि की दादी सविता का भी निधन हो गया। ध्वनि ने वसीयत के अनुसार जब संपत्ति को लेना चाहा तो ध्वनि के चचेरे दादा शरणवीर ने उक्त 29 बीघा जमीन को अपना बताते हुए उक्त जमीन को देने से साफ मना कर दिया और बताया कि तुम प्रशांत उर्फ गोल्डी की बेटी नहीं हो। वर्ष 2009 में प्रशांत उर्फ गोल्डी को जो संतान पैदा हुई थी। वह जन्म के बाद मर चुकी थी। वहीं जमीन का यह विवाद शामली तहसील न्यायालय में पहुंचा जिसमें शरणवीर ने ध्वनि की मृत्यु के फर्जी प्रमाण पत्र न्यायालय में पेश किये। वहीं जीवित ध्वनि 2021 से अब तक खुद को जीवित साबित करती आ रही है। 2021 से 2024 तक ध्वनि को 3 वर्ष खुद को जीवित करने में लग गए। वहीं यह वाद 2021 से शामली तहसीलदार न्यायालय में चला रहा था जिमसें 2024 में यह आदेश आया कि ध्वनि ही उस वसीयत की असली हकदार है।

न्याय ना मिलने में भाजपा नेता ही बन रहे रोड़ा
वहीं जब न्यायालय ने फैसला ध्वनि के पक्ष में सुनाया तो उस 29 बीघा जमीन और फसल पर कब्जा लेने के लिए ध्वनि व उसका परिवार गया। लेकिन दबंग शरणवीर और उसके पुत्रों ने जमीन पर कब्जा नहीं लेने दिया। जिसके बाद से ध्वनि व उसकी मां सोनिया लगातार अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहे हैं लेकिन नाबालिग लड़की की गुहार में न्याय न दिलाने में बीजेपी के जिला अध्यक्ष तेजेन्द्र निर्वाल और भट्ठा एसोसिएशन के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी का नाम सामने आ रहा है। जिसके चलते अधिकारी नाबालिग लड़की ध्वनि और उसकी मां को न्याय नहीं दे रहे हैं। आज ध्वनि और उसकी माँ सोनिया ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे के साथ गुहार लगाई है। उन्होंने कहा है कि बीजेपी के नेता बेटी को न्याय नहीं दिला पा रहे हैं वह शामली के सभी अधिकारियों पर दबाव बना रहे हैं। जिससे पीड़िता को न्याय नहीं मिल रहा है। अब नाबालिग लड़की ध्वनि और उसकी मां को केवल उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी से ही न्याय की उम्मीद है। अगर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी उन्हें न्याय नहीं मिला तो उनके सामने मरने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।

वही पीड़िता ने यह भी बताया कि मुजफ्फरनगर से बीजेपी सांसद एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री संजीव बालियान ने भी इस मामले में वर्तमान भाजपा शामली जिला अध्यक्ष तेजेंद्र निर्वाल से बात की थी कि जब ध्वनि के पास वसीयत है और न्यायालय से भी उसके पक्ष में फैसला आ चुका है तो आप क्यों हस्तक्षेप कर रहे हैं? बताया जा रहा है कि जिला अध्यक्ष ने साफ तौर पर कहा कि मैं शरणवीर के साथ हूं और जमीन पर कब्जा नहीं दिलाने दूंगा। नाबालिग लड़की ध्वनि को उसके ही परिजनों ने इस कदर डरा और धमका रखा है कि अब उसने स्कूल में जाना भी छोड़ दिया है। वहीं ध्वनि वसीयत के अनुसार अपनी संपत्ति को पाने और खुद को जीवित साबित करने के लिए न्यायलय के चक्कर लगा रही है। दूसरी तरफ उसके ही दबंग दादा उसे जान से मारने की धमकी भी दे रहे हैं। जिसकी वजह से उसने स्कूल में जाना भी छोड़ दिया है।

बीजेपी का एक नेता बेटी को न्याय दिलाने के लिए तैयार है तो वहीं बीजेपी का दूसरा नेता बेटी के साथ अन्याय कर रहा है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और हर जगह बेटी सुरक्षित है वाला यह नारा अब निराधार साबित हो रहा हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद के गांव दुल्हैरा में रहने वाली नाबालिग लड़की ध्वनि बीजेपी के दो नेताओं के बीच में पिसकर रह गई है। क्योंकि एक तरफ तो योगी सरकार में बीजेपी के नेताओ की आपसी रणनीति के चलते न्याय नहीं दिला पा रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ कानून भी उनकी मदद नहीं कर पा रहा है। वही नाबालिग ध्वनि ने न्याय पाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक पत्र भी लिखा है। जिसमें ध्वनि ने खुद को नाबालिक और लावारिस बताते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है।

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