Edited By Pooja Gill,Updated: 12 Dec, 2025 03:43 PM

UP Desk: केंद्र सरकार मनरेगा (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) योजना का नाम बदलने पर विचार कर रही है...
UP Desk: केंद्र सरकार मनरेगा (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act) योजना का नाम बदलने पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि आज होने वाली केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, मनरेगा का नया नाम ‘पूज्य बापू ग्रामीण योजना’ रखने की तैयारी है।
क्या था पहले नाम?
मनरेगा दुनिया के सबसे बड़े रोजगार गारंटी कार्यक्रमों में से एक है। इसे 2005 में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली यूपीए सरकार ने शुरू किया था। पहले इसका नाम नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी एक्ट (NREGA) था, बाद में इसे बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) किया गया।
2005 में लॉन्च हुई थी ये योजना
यह एक श्रम कानून और सामाजिक सुरक्षा योजना है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण लोगों को "काम का अधिकार" देना है। इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय चलाता है। साल 2022–23 तक इस योजना में 15.4 करोड़ लोग सक्रिय रूप से काम कर रहे थे। यह योजना ग्रामीण रोजगार, आर्थिक सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, महिलाओं के सशक्तिकरण और गांव से शहर की ओर होने वाले पलायन को कम करने में मदद करती है।
100 दिन का रोजगार देती है योजना
मनरेगा के तहत ग्रामीण लोगों को साल में कम से कम 100 दिन रोजगार की गारंटी दी जाती है। अब इस योजना का नाम बदलने पर सरकार अंतिम फैसला कर सकती है। अगर कैबिनेट मंजूरी देती है, तो इसका नया नाम पूज्य बापू ग्रामीण योजना होगा।