Edited By Mamta Yadav,Updated: 20 Jul, 2025 08:44 PM

बरेली के हाफिजगंज थाना क्षेत्र के गांव गोसलपुर से एक चौका देने वाला मामला सामने आया। गांव में शुक्रवार सुबह एक व्यक्ति का जला हुआ शव घर के दरवाजे पर पड़ा मिला। उसकी पत्नी के मुताबिक वह बेटे को स्कूल वाहन तक छोड़ने गई थी। 20 मिनट बाद लौटी तो दरवाजे...
Bareilly News, (मो. जावेद): बरेली के हाफिजगंज थाना क्षेत्र के गांव गोसलपुर से एक चौका देने वाला मामला सामने आया। गांव में शुक्रवार सुबह एक व्यक्ति का जला हुआ शव घर के दरवाजे पर पड़ा मिला। उसकी पत्नी के मुताबिक वह बेटे को स्कूल वाहन तक छोड़ने गई थी। 20 मिनट बाद लौटी तो दरवाजे पर पति का जला हुआ शव पड़ा था। पुलिस पूरे घटना की जांच कर रही है। परिजनों के मुताबिक घटना संदिग्ध लग रही है।

फिजगंज क्षेत्र के गोसलपुर गांव में संदिग्ध हालात में जलकर युवक की मौत हो गई। उसकी पत्नी बेटे को स्कूल वाहन तक छोड़ने गई थी। करीब 20 मिनट बाद लौटकर घर आई तो दरवाजे पर पति का जला हुआ शव पड़ा था। पत्नी के चीखने-चिल्लाने पर आसपास के लोग आ गए। सूचना पर थाना प्रभारी पवन सिह व सीओ नवाबगंज गौरव सिंह भी पहुंच गए। फॉरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया। टीम ने जांच पड़ताल कर साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है।

मृतक की पत्नी जयंती देवी ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब साढ़े सात बजे अपने 6 साल के पुत्र मयंक को स्कूल वाहन तक छोड़ने गई थी। कुछ देर बाद जब वह घर पर लौटी तो पति लोचन प्रसाद पुत्र लाला राम 42 वर्ष घर के दरवाजे पर जली हुई अवस्था में पड़े थे। उनकी मौत हो चुकी थी। यह देखकर वह चीखने चिल्लाने लगी तो आसपास के लोग आए। पुलिस को सूचना दी। सूचना पर थाना प्रभारी पवन कुमार सिह व सीओ गौरव सिंह मौके पर पहुंचे और फॉरेंसिक टीम को बुलाकर जांच करवाई।

जयंती ने बताया कि उसका पैतृक गांव बार गुलड़िया जाफर पुर थाना जहानाबाद (पीलीभीत) में है। उसके पति आठ वर्षों से यहां मामा बेचेलाल के यहां रहते थे। उन्होंने गांव के नजदीक जगह खरीद ली थी, जिसमें टीन डालकर रहे रहे थे। थाना प्रभारी पवन कुमार सिह ने बताया कि हर पहलू पर जांच की गई है। मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। मृतक के घर में कोई सामान क्यों नहीं जला। न ही बचने के लिए शोर मचाया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
मृतक लोचन प्रसाद के रिश्तेदारों ने बताया की दो साल पहले भी ये गुम हो गए थे जब ढूंढा गया तो एक स्थान पर मिले उस समय लोचन प्रसाद के हाथ और पैर बंधे हुए थे और लोचन प्रसाद के काफी डरे हुए थे, इसी डर से लोचन प्रसाद ने अपना पुराना गांव छोड़ दिया था और मामा के गांव में जगह खरीद कर एक टीन शेड डालकर रहने लगे थे। मृतक लोचन के रिश्तेदारों ने बताया कि उन्हें और किसी अन्य पड़ोसी को लोचन प्रसाद के चीखने चिल्लाने की आवाज नहीं आई सिर्फ उनका शव जला हुआ दरवाजे पर पड़ा हुआ था। रिश्तेदारों ने ये भी बताया की लोचन प्रसाद की गांव में 10 बीघा जमीन है। फिलहाल रिश्तेदार और पुलिस अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार कर रहे हैं उसी के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।