Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 18 May, 2020 04:13 PM
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की पहचान जरी-जरदोजी के काम से पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। यहां के शिल्पकार कपड़े को सजा-संवार कर उसमें चार-चांद लगा देते हैं। उनके हुनर की तारीफ विदेशों तक में होती...
शाहजहांपुरः उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की पहचान जरी-जरदोजी के काम से पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। यहां के शिल्पकार कपड़े को सजा-संवार कर उसमें चार-चांद लगा देते हैं। उनके हुनर की तारीफ विदेशों तक में होती है। अब जरी-जरदोजी के काम का नया कलेवर जल्द दिखाई देगा। शाहजहांपुर के कुशल हुनरकारों के हाथों से तैयार लहंगा-चुनरी और साड़ी की चमक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बिखेरेगी। पुराने पैटर्न को नया लुक देने के लिए कलस्टर की स्थापना होगी। उसका प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
बता दें कि यहां निर्मित् लहंगा-चुनरी और साड़ी की कद्र इंडिया में तो है, साथ ही सऊदी अरब और खाड़ी देशों में सबसे पसंद की जाती है। परन्तु लंबे समय से एक ही डिजाइन और एक तरह के कपड़े को लेकर जरी जरदोजी की चमक कुछ फीकी पड़ने लगी है। जरी-जरदोजी की शान को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बनाए रखने के लिए कलस्टर की स्थापना की जाएगी। उसके लिए कई प्रस्ताव भेजे गए हैं। जिसमें एक पर मुहर लग सकती है।
उद्योग के उपायुक्त दुर्गेश कुमार ने बताया कि शहर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पैकिंग सेंटर को मंजूरी मिल सकती है। सेंटर पर उच्च स्तर की पैकिंग कर लहंगा-चुनरी और साड़ी को ऊंचे दाम पर बेचा जा सकता है। पुराने डिजाइन को आउट कर नए डिजाइन भी शिल्पकारों को कलस्टर के जरिए मिलने की संभावना है। इसके अलावा 200 अड्डे एक स्थान पर लगाकर बेहतर सुविधाएं शिल्पकारों को दी जा सकती हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर का रॉ-मैटेरियल बैंक और तकनीकी लैब भी मिल सकती है।