Edited By Ramkesh,Updated: 22 May, 2024 04:24 PM
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में भारतीय स्टेट बैंक आफ इंडिया के लॉकर से 20 लाख रुपए के जेवर चोरी का मामला सामने आया है। दरअसल, मोदीपुरम के पल्लवपुरम फेज वन निवासी सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर के पल्हैड़ा स्थित एसबीआई के लॉकर से 20 लाख के जेवर लॉकर में रखे...
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में भारतीय स्टेट बैंक आफ इंडिया के लॉकर से 20 लाख रुपए के जेवर चोरी का मामला सामने आया है। दरअसल, मोदीपुरम के पल्लवपुरम फेज वन निवासी सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर के पल्हैड़ा स्थित एसबीआई के लॉकर से 20 लाख के जेवर लॉकर में रखे थे। मंगलवार को सेवानिवृत्त मैनेजर जेवर को लेने के लिए पहुंचे तो लॉकर से जेवर गायब थे। जेवर गायब देकर मैनेजर के होश उड़ गए। पीड़ित ने बैंक के कर्मचारियों से पूछताछ की, लेकिन उसे सन्तोष जनक जवाब नहीं मिला।
पीड़ित ने डायमंड की अंगूठी समेत 20 लाख के लॉकर में रखे थे जेवर
दरअसल, पल्लवपुरम फेज वन के बी 132 निवासी समीमुद्दीन खान ने बताया कि वह एसबीआई बैंक से सेवानिवृत्त है और वर्तमान में वेद इंटरनेशनल स्कूल में निदेशक प्रशासक है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 से उन्होंने पल्हैड़ा स्थित एसबीआई बैंक में लॉकर ले रखा था। सलीमुद्दीन खान ने बताया कि लॉकर में उन्होंने अपनी बेटी डॉ. नीलिमा, पत्नी अमीर फातिमा, बेटे यूसुफ व पुत्रवधू के लगभग 20 लाख के सोने-चांदी के जेवर व एक डायमंड अंगूठी रखी थी। मंगलवार को जब उसे लेने के लिए बैंक गए थे वहा से सभी जेवर गायब थे।
पीड़ित को आंख से दिखाई देता है कम
पीड़ित सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर की मानें तो उनकी उम्र 73 वर्ष की है। इस वजह से उन्हें आंखों से कम दिखाई देता है, जिस कारण जब भी वह लॉकर में कुछ सामान रखने जाते थे तो बैंक कर्मचारी को साथ लेकर जाते थे। मंगलवार को उनकी बेटी डॉ. नीलिमा ने गहनों की आवश्यकता की बात कही, जिसके बाद वह बेटी को लेकर बैंक पहुंचे। लॉकर रूम में पहुंचने के बाद उन्हें लॉकर खुला मिला और 20 लाख के जेवर लॉकर से गायब थे। जब उन्होंने बैंक से इसकी जानकारी बैंक से की तो बैंक कर्मचारियों ने भी कोई सही जवाब नहीं दिया है। पीड़ित सलीमुद्दीन खान ने पल्लवपुरम थाने पहुंच कर पुलिस को जानकारी देते हुए तहरीर दी।
शाखा प्रबंधक रश्मि बोलीं- इसमें बैंक की नहीं है कोई गतली
वहीं, थाना प्रभारी मुन्नेश सिंह ने मामले की जानकारी से सीओ दौराला को अवगत कराया, जिस पर सीओ दौराला ने पीड़ित सलीमुद्दीन से जानकारी लेने के लिए बुधवार को सीओ कार्यालय कंकरखेड़ा बुलाया है। शाखा प्रबंधक रश्मि का कहना है कि बैंक की इसमें कोई गलती नहीं है। खाता धारक व बैंक की चॉबी से ही लॉकर ऑपरेट होता है। उपभोक्ता के लॉकर रूम से बाहर आने के बाद लॉकर रूम का इंचार्ज अंदर जाकर सिर्फ यह जांच करता है कि कुछ नीचे तो नहीं गिरा या लॉकर खुला तो नहीं रहा। बताया कि अंतिम बार सलीमुद्दीन ने एक फरवरी 2022 को लॉकर ऑपरेट किया था। इसके बाद वह मंगलवार को पहुंचे। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। बैंक में लगे सीसीटीवी भी खंगाल रही है।