Edited By Ramkesh,Updated: 24 May, 2025 07:14 PM

अनचाहा गर्भ को रोकने के लिए महिलाएं कई तरह की गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती है। अगर आप भी ले रही है गर्भ निरोधक गोलियां (Birth Control Pills) ले रही हैं, तो अलर्ट हो जाइए, क्योंकि इसके खतरनाक असर हो सकते हैं।
लखनऊ: अनचाहा गर्भ को रोकने के लिए महिलाएं कई तरह की गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती है। अगर आप भी ले रही है गर्भ निरोधक गोलियां (Birth Control Pills) ले रही हैं, तो अलर्ट हो जाइए, क्योंकि इसके खतरनाक असर हो सकते हैं। हाल ही में हुए एक रिसर्च में पाया गया है कि हार्मोन मूड को निर्धारित करने में एक बड़ी भूमिका निभाते हैं, जो आपके मेंटल हेल्थ को प्रभावित करते हैं। गर्भनिरोधक गोलियां, जो महिला हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के लेवल को कंट्रोल करती हैं, मूड में बदलाव का कारण भी बन सकती हैं। 31 मार्च, 2025 को JAMA नेटवर्क ओपन में पब्लिश एक स्टडी में यह खुलासा हुआ है।
गर्भ निरोधक गोली लेने के नुकसान क्या हैं?
गर्भ निरोधक दवाइयों को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि गर्भ निरोध लेने का कोई बड़ा दुष्प्रभाव नहीं होता लेकिन सीओसी और पीओपी लेने से महिलाओं के शरीर पर कुछ प्रभाव ज़रूर पड़ते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जिन दवाओं में इस्ट्रोजेन हार्मोन होता है वो उन महिलाओं की मदद करता है जिन्हें ब्लड क्लॉट की बीमारी हो, दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप बहुत ज्यादा रहता हो। जिन दवाओं में प्रोजेस्ट्रोन होता है, उसे इस्तेमाल करने वाली महिलाओं को जी मिचलाना, सिर दर्द, अनियमित माहवारी और चक्कर आना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इन दवाओं को देने से पहले ये देखा जाता है कि कहीं किसी महिला में किडनी, लिवर, कैंसर जैसी बीमारी तो नहीं है।
गर्भनिरोधक दवाओं को लेने से महिलाओं पर अलग-अलग असर हो सकते हैं जिनमें से मुख्य ये हैं।
- शरीर में भारीपन महसूस होना
- मुंहासे बढ़ने का खतरा
- स्तन में भारीपन होना
- मूड स्विंग्स होना
- शरीर में पानी जमा होना
इस विषय पर डॉक्टरों को कहना है कि गर्भ निरोध को लंबे समय अगर आप ले रही हैं तो डॉक्टर की सलाह पर इन दवाइयों का सेवन करें।
गर्भ निरोधक गोली लेने के फायदे
भारत समेत दुनिया के कई देश में गर्भ निरोध की दवाएं मिलती हैं। परिवार नियोजन के लिए ही गर्भ निरोधक गोलियों का प्रयोग करते है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन पर छपी जानकारी के मुताबिक़ मेडिसिन के इतिहास में हजारों की संख्या में दवाएं विकसित की गयी लेकिन 1950 में गर्भनिरोधक दवाओं के विकास के बाद बड़ा बदलाव किया। भारत में परिवार नियोजन योजना के तहत सरकार की तरफ से स्वास्थ्य केंद्रों में गर्भनिरोधक दवाएं और कंडोम मुफ़्त भी दिए जाते हैं, वहीं आशा कार्यकर्ता भी इन्हें लोगों तक पहुंचाने का काम करती है। 'भारत में गर्भनिरोधक दवाएं, परिवार नियोजन का एक प्रभावी तरीका है. अगर सही तरीके से दवाएं ली जाएं तो ये सौ प्रतिशत रोकथाम करती हैं। वहीं इससे महिलाओं को इस बात की आज़ादी दी कि वे एक बच्चे के बाद दूसरा बच्चा कब चाहती हैं।
- गर्भ निरोध से परिवार नियोजन कर सकते हैं।
- माहवारी को नियमित करने में मदद।
- माहवारी के दौरान होने वाली हैवी ब्लीडिंग को कम करने में मदद।
- ओवरियन कैंसर की आशंका कम होती है।