Edited By Pooja Gill,Updated: 03 Dec, 2024 05:59 PM
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में आज 3 दिसंबर को हरदोई में एक जन आक्रोश रैली निकाली गई। जिसमे विभिन्न हिन्दू संगठनों के लोग जनप्रतिनिधियों ने शामिल होकर विरोध जताया। हिन्दू रक्षा समिति के बैनर तले निकली हिन्दू जन आक्रोश रैली...
हरदोई (मनोज सराहा) : बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में आज 3 दिसंबर को हरदोई में एक जन आक्रोश रैली निकाली गई। जिसमे विभिन्न हिन्दू संगठनों के लोग जनप्रतिनिधियों ने शामिल होकर विरोध जताया। हिन्दू रक्षा समिति के बैनर तले निकली हिन्दू जन आक्रोश रैली गांधी मैदान से चलकर कलेक्ट्रेट पहुंची। यहां डीएम मंगला प्रसाद सिंह को राष्ट्रपति को संबोधित एक ज्ञापन दिया गया। जिसमें कहा गया है कि बांग्लादेश पर ऐसे प्रतिबंध लगाये जाए कि वहां का हिन्दू सुरक्षित और निडर रह सके।
'केवल मूकदर्शक बनी हुई है बांग्लादेश सरकार'
गांधी मैदान में आयोजित इस हिन्दू जन आक्रोश सभा व रैली में हिन्दू समाज के प्रमुख संगठनों व संत समाज द्वारा बांग्लादेश में हिन्दुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर रोष प्रकट किया गया। इस दौरान कहा गया कि बांग्लादेश में हिन्दुओं तथा अन्य सभी अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हमले, हत्या, लूट, आगजनी तथा महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार अत्यंत चिंताजनक हैं। वर्तमान की बांग्लादेश सरकार तथा अन्य एजेंसियां इसे रोकने की जगह केवल मूकदर्शक बनी हुई है। विवशतावश बांग्लादेश के हिन्दुओं द्वारा स्वरक्षण हेतु लोकतांत्रिक पद्धति से उठायी गई आवाज को दबाने हेतु उन्हीं पर अन्याय व अत्याचार का नया दौर उभरता दिख रहा है। ऐसे ही शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिन्दुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश सरकार द्वारा कारावास भेजना अन्यायपूर्ण है।
'हिन्दुओं को बचाने का हर संभव प्रयास करे सरकार'
रैली के दौरान बांग्लादेश सरकार से यह आह्वान किया गया कि वे यह सुनिश्चित करें कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार तत्काल बंद हों तथा चिन्मय कृष्ण दास को कारावास से मुक्त करें। वहां मौजूद लोगों ने भारत सरकार से भी यह आह्वान किया कि वह बांग्लादेश में हिन्दुओं तथा अन्य सभी अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के प्रयासों को हरसंभव जारी रखे तथा इसके समर्थन में वैश्विक अभिमत बनाने हेतु यथाशीघ्र आवश्यक कदम उठाये। ऐसे महत्वपूर्ण समय में भारत तथा वैश्विक समुदाय एवं संस्थाओं को बांग्लादेश के पीड़ितों के साथ खड़े होकर अपना समर्थन प्रकट करना चाहिए। क्योंकि अपनी-अपनी सरकारों से इस के लिए हरसंभव प्रयासों की माँग करना विश्व शांति एवं भाईचारे के लिए आवश्यक है।