खुशखबरी: अब PM आवास के लाभार्थियों को मिलेगी 90 दिन की मजदूरी

Edited By Ramkesh,Updated: 29 Oct, 2020 01:26 PM

good news now beneficiaries of pm housing will get 90 days wages

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) के लाभार्थियों के लिए इस बार एक नई व्यवस्था लागू की गई है जिसमें लाभार्थी वहीं हैं जो मनरेगा के पंजीकृत मजदूर हैं।

कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) के लाभार्थियों के लिए इस बार एक नई व्यवस्था लागू की गई है जिसमें लाभार्थी वहीं हैं जो मनरेगा के पंजीकृत मजदूर हैं।नई व्यवस्था के तहत प्रत्येक लाभार्थी को अपना घर बनाने के लिए 90 दिन की मजदूरी भी मिलेगी। इससे लाभार्थी को बजट के अतिरिक्त 18 हजार रुपये मिलेंगे।ग्रामीण क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनवाने के लिए लाभार्थी को एक लाख 20 हजार रुपये का अनुदान मिलता है। यह रकम तीन किस्तों में दी जाती है। पहली किस्त में 40 हजार रुपये मिलता है। नींव तक काम पूरा होने के बाद दूसरी किस्त 70 हजार रुपये की मिलती है। छत पड़ जाने पर तीसरी किस्त के रूप में 10 हजार रुपये मिलते हैं जिससे मकान की सफाई व रंगाई-पुताई का कार्य कराना होता है। लाभार्थी इस बजट को कम बताते हुए अतिरिक्त धन की मांग कर रहे थे।

 क्षेत्र पंचायतों की बैठक में भी कई बार यह मामला उठ चुका है कि इस योजना के तहत शहरी क्षेत्र में तो ढाई लाख रुपये मिलते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में लाभार्थी को 1.20 लाख रुपये ही दिए जाते हैं।इस साल प्रधानमंत्री आवास के आवंटन के लिए आवेदकों का विवरण आवास प्लस मोबाइल एप पर फीड कराया गया था। इसके साथ ही लाभार्थी का आधार कार्ड नंबर, मोबाइल फोन नंबर, जॉबकार्ड नंबर आदि भी फीड कराया गया । केंद्रीय स्तर पर जो सूची स्वीकृत हुई है उसमें सभी जॉबकार्ड धारक ही हैं। जिले में 20083 लोगों को इस बार प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलना है जिनकी सूची आने के बाद अब सभी के खाते के साथ जॉबकार्ड नंबर की मैचिंग कराई जा रही है। इन लाभार्थियों को अपना मकान बनाने के लिए मनरेगा मद से 90 दिन की मजदूरी मिलेगी। प्रतिदिन 201 रुपये के हिसाब से लाभार्थी के खाते में 18090 रुपये की रकम भेजी जाएगी। अगर शौचालय नहीं बना तो 12 हजार रुपये स्वच्छ भारत मिशन के खाते से शौचालय निर्माण के लिए भी मिलेगा।

मनरेगा के तहत 100 दिन रोजगार देने की बात कही जाती है, लेकिन औसतन 50-55 दिन का ही काम मिल पाता है। पिछले कई वर्षों से 100 दिन रोजगार पाने वालों की संख्या एक हजार के आसपास ही रहती है। जबकि जिले में पौने दो लाख मनरेगा मजदूर हैं। इस नए प्रयोग से एकमुश्त 20 हजार लोगों को 90 दिन तक काम मिलेगा। इससे जिले में मनरेगा मजदूरों को काम देने का औसत भी सुधर जाएगा। ग्राम्य विकास विभाग के परियोजना निदेशक संजय पांडेय का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास के लिए चयनित सभी 20083 लाभार्थी मनरेगा के जॉबकार्ड धारक हैं। इनके खाते में पहली किस्त भेजने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही सभी के जॉबकार्ड पर आईडी भी जनरेट हो रही है। भवन निर्माण के शुरूआत के दिन से लेकर 90 दिन की मजदूरी भी इनके खाते में भेजी जाएगी। अपना घर बनवाने के लिए भी सरकार की तरफ से लाभार्थी को मजदूरी देने की पहली स्कीम है।
 

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