Edited By Ramkesh,Updated: 29 Sep, 2023 03:10 PM

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने दो निजी पक्षों के बीच संपत्ति विवाद के संबंध में एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए गोंडा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद कीर्ति वर्धन सिंह को नोटिस जारी किया।
लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने दो निजी पक्षों के बीच संपत्ति विवाद के संबंध में एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए गोंडा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद कीर्ति वर्धन सिंह को नोटिस जारी किया। बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद पीठ ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से कहा था कि मामले की जांच के दौरान मानकपुर थाने के प्रभारी एसके सिंह और अपराध शाखा के निरीक्षक एके राय को जिले से बाहर स्थानांतरित किया जाए। मामला गुरबचन कौर और उनके दो बेटों द्वारा दायर एक रिट याचिका से संबंधित है। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया है कि सांसद के कहने पर 15 सितंबर को कुछ पुलिसकर्मी उनके घर में घुस आए और उन्हें घर खाली करने को कहा।
गुरबचन कौर ने आरोप लगाया कि अगले दिन भी कुछ लोग उनके घर में घुस आए और मकान खाली करने को कहा। याचिकाकर्ताओं के वकील रिशाद मुर्तजा ने न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और न्यायमूर्ति एनके जौहरी की पीठ के समक्ष कहा कि कि कुलवंत कौर और उनके समर्थक गुरबचन कौर का घर हड़पना चाहते हैं। वकील ने कहा, "इस उद्देश्य के लिए, थाना प्रभारी और अपराध शाखा के निरीक्षक कथित तौर पर स्थानीय सांसद के प्रभाव में याचिकाकर्ताओं के घर गए और उन्हें घर खाली करने की धमकी दी।
वकील ने कहा कि पुलिसकर्मी विवादित मकान में गये थे जो पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट से स्पष्ट है और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, क्योंकि उन्हें किसी दीवानी विवाद में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है। पीठ ने याचिकाकर्ताओं से उन पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए संबंधित अदालत का रुख करने को भी कहा, जो उनके घर में घुस आए थे। पीठ ने प्रतिवादियों को अपना जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई की तारीख 18 अक्टूबर तय की।