CM योगी के नेतृत्व में किसानों को मिला है लाभ, आलू खरीद को लेकर भ्रम फैला रही सपा

Edited By Ramkesh,Updated: 12 Mar, 2023 02:49 PM

farmers have got benefits under the leadership of cm yogi

उत्तर प्रदेश में आलू खरीद को लेकर मचे घमासान को उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने सिरे नकार दिया है। उन्होंने इसे लेकर प्रेस वार्ता की। मंत्री ने कहा सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के किसानों को लाभ मिल रहा है।

लखनऊ, (अश्वनी कुमार सिंह) : उत्तर प्रदेश में आलू खरीद को लेकर मचे घमासान को उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने सिरे नकार दिया है। उन्होंने इसे लेकर प्रेस वार्ता की। मंत्री ने कहा सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश के किसानों को लाभ मिल रहा है।

किसानों में भ्रम फैला रहा है विपक्ष 
उन्होंने विपक्ष निशाना साधते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी जनता में भ्रम फैला रही है।  उन्होंने कहा कि 2017 में 155 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन और 2023 में 200 लाख से ज्यादा का उत्पादन हुआ है। मंत्री ने कहा कि आलू उत्पादन से ज्यादा प्रदेश में भंडारण क्षमता है।  उन्होंने जनवरी  2023  में आलू का बाजार भाव औसत भाव 823 रुपया प्रति कुंतल रहा है।  उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि जिस जिले में भंडारण की जगह नही है तो दूसरे जनपद में कराया जायेगा। आलू का भाव गिरा नहीं है। किसानों को दूसरे जिले में भंडारण के लिए अलग से किराया दिए जाने की व्यवस्था की गई है।  उन्होंने कहा कि मंडी में इनामी योजना के तहत उत्तर प्रदेश के बाहर के किसानों को जोड़ा जा रहा है।

किसानों की फसल औने पौने दाम पर खरीद लेती है बहुराष्ट्रीय कंपनियां 
बता दें कि  समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के चलते अन्नदाता का हर कदम पर शोषण हो रहा है। उन्होने कहा कि इन दिनों आलू किसानों पर भाजपा का राज कहर बनकर टूटा है। बदहाल आलू किसान होली पर भी अपनी फसल कोल्ड स्टोर में रखने के लिए कतार में जूझते रहे। आलू किसान को फसल के कम दाम मिल रहे हैं जबकि लागत बढ़ रही है। किसान मायूसी और परेशानी में जी रहा है।  यादव ने कहा कि उनकी पार्टी यह मांग करती रही है कि किसानो को उनकी हर फसल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिलना चाहिए। भाजपा सरकार किसानों के हितों की संरक्षक बनने के बजाय पूंजीघरानो को संरक्षण देती है। धान, गेहूं के क्रय केन्द्रों में अव्यवस्था रहती है, बहुराष्ट्रीय कंपनियां किसानों की फसल औने पौने दाम पर खरीद लेती है। किसान मजबूरी में बेचे नहीं तो क्या करें।

650 रूपये प्रति कुंतल दर से आलू खरीद रही सरकार 
भाजपा ने आलू किसानों से खरीद एमएसपी पर करने के बजाय राहत के तौर पर 650 रूपये प्रति कुंतल आलू की खरीद के दाम तय किए हैं। ट्रैक्टर ट्राली के भाडे़ से लेकर खाद, दवा, सिचाई, टोकनमनी और स्टोर चार्जेज के अलावा किसान के श्रम को भी जोड़ दिया जाए तो आलू कम से कम 1500 रूपये प्रति कुंतल की दर से खरीदा जाना चाहिए। इन दिनों बाराबंकी में 20 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल से आलू की बंपर उपज हुई है। किसान को न तो वाजिब दाम मिल रहे हैं और नहीं आलू भंडारण का सही इंतजाम है। किसान की रात कोल्ड स्टोरेज के बाहर बीत रही है। टोकन के बाद भी तय समय पर आलू उतरवाया नहीं जाता है। किसान कहां फरियाद करे। भाजपा सरकार ने किसानों की उपेक्षा करते हुए खेती को पूरी तरह से बर्बाद और अलाभकारी बना दिया है। घाटे में डूबा किसान कैसे अगली फसल की बुवाई के बारे में सोचेगा।

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