शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्ति का मामला आया सामने, साक्ष्य और दस्तावेज गायब

Edited By Ramkesh,Updated: 11 Apr, 2025 09:21 AM

fake appointment case surfaced in education department

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया है। तत्कालीन विद्यालय जिला निरीक्षक रमेश सिंह ने बड़े आरोप लगाते हुए नियमों के खिलाफ उच्च न्यायालय और शासनादेश को ताक पर रखकर देवेंद्र गुप्ता जुलाई 2023 से लेकर के...

आजमगढ़ (शुभम सिंह): उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से शिक्षा विभाग में फर्जी नियुक्ति का मामला सामने आया है। तत्कालीन विद्यालय जिला निरीक्षक रमेश सिंह ने बड़े आरोप लगाते हुए नियमों के खिलाफ उच्च न्यायालय और शासनादेश को ताक पर रखकर देवेंद्र गुप्ता जुलाई 2023 से लेकर के जुलाई 2024 के बीच में इनके द्वारा लगभग 42 अनियमित और फर्जी नियुक्तियां की गई है। जिसमें करोड़ों रुपया प्रतिमा गवर्नमेंट का हानि हुई है। उन्होंने इस नियुक्ति को लेकर कहा कि इसमें किसी प्रकार का माननीय उच्च न्यायालय का आदेश था ना तो किसी प्रकार का कोई विभाग आदेश है ना शासन का आदेश था।

 42 पदों पर फर्जी नियुक्ति का आरोप
उन्होंने बताया कि मेरे पास साक्ष्य और जो मैं पूरी तरीके से दिखाना चाहता हूं , इनके द्वारा पूरा साक्ष्य और दस्तावेज गायब कर दिया गया है। बाबू ने लिख करके दिया है जब पत्रावली की मेरे द्वारा मांग की गई , इसका परीक्षण किया जा सके इसका परीक्षण करके शासन को पत्र भेजा जा सके।  बाबू ने लिखा की अपने आवास पर उठा ले गए हैं पत्रावली किसी को दिए नहीं । इसका तात्पर्य है की पत्रावली भी इनके के द्वारा गायब कर दी गई है। हमने सभी विभागों को लिखा था ज्वाइन डायरेक्टर को भी पत्र लिखा था संजोग से हमारा स्थानांतरण हो जाने के कारण यह मामले को जाकर के लीपापोती कर लिया। एक तरीके से पूरे मामले को दबा दिया अन्यथा किसी स्थिति में जांच हो जाए तो यह पूर्ण रूप से दोषी पाए जाएंगे इनके ऊपर एफआईआर होगी । और उनके ऊपर रिकवरी का आदेश होगा कोई भी प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय से बड़ा नहीं है।

 बिना शासन की अनुमति के दो करोड़ रुपए एरियल का किया भुगतान
जिला विद्यालय निरीक्षक को 2 लाख का एरियर भुगतान करने का अधिकार है। वह भी माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से चयनित अध्यापकों का किंतु उनके द्वारा तदक शिक्षकों को शासनादेश की आड़ में तय सीमा को दरकिनार करते हुए बिना शासन की अनुमति लिए उनके द्वारा दो करोड़ रुपए का एरियर भुगतान कर दिया गया। इसका केवल जांच हो जाए तो यह पता चल जाएगा कि इसमें कितने बड़े-बड़े बंदर बाट हुआ हैं। आरोप है कि अपने को साफ सुथरा बनने के लिए इनके द्वारा पत्रावली को गायब कर दिया गया। सही तरीके से जांच कर दी जाए तो निश्चित रूप से उनके खिलाफ मऊ में भी एफआईआर दर्ज होगी और यह दंड के भागी होंगे।

डीआईओएस देवेंद्र गुप्ता पर आरोप हो चुके हैं सिद्ध
पूर्व में भी डीआईओएस देवेंद्र गुप्ता के ऊपर आरोप सिद्ध हो चुका था। ऑलरेडी इनको शासन द्वारा दंडित भी किया जा चुका था सारे और पूर्व में विजिलेंस टीम ने भी सिद्ध कर दिया है अभियोजन की स्वीकृति मांगी गई है। इनके खिलाफ वर्तमान में बलिया जनपद में बैरिया इंटर कॉलेज के मामले को लेकर के अभियोजन की स्वीकृति मांगी गई है जिसका प्रमाण है जिस दिन अभियोजन की स्वीकृति मिल गई इनके खिलाफ दंडात्मक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी ।

शासना आदेश को दरकिनार करके विभाग में घोटाला
आजमगढ़ मंडल संयुक्त निदेशक से जब पूछताछ की गई तो बताया कि मेरे पास कोई ऐसा फैक्ट्स नहीं है जिसमें उन्होंने 42 फर्जी नियुक्ति की है या फिर एरियर का घोटाला किया गया है। अलीगढ़ में पर 5 करोड़ रुपए का घोटाला का इल्जाम लगा है और एफआईआर र भी दर्ज कर लिया गया ई है ।

 

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