Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 18 Jul, 2019 02:15 PM
उत्तर प्रदेश में इटावा के जिला प्रशासन ने ग्रामीण आबादी को संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिये विशुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिये कमर कसी है जिसके तहत हर गांव में आरओ संयंत्र स्थापित किया जायेगा...
इटावाः उत्तर प्रदेश में इटावा के जिला प्रशासन ने ग्रामीण आबादी को संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिये विशुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिये कमर कसी है जिसके तहत हर गांव में आरओ संयंत्र स्थापित किया जायेगा।
अधिकृत सूत्रों के अनुसार शुद्ध पेयजल के लिये गांव गांव आरओ प्लांट लगाने की कार्ययोजना को मूर्त रूप देने का खाका तैयार कर लिया गया है जिसके स्वतंत्रता दिवस तक हर हाल मे पूरा हो जाने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि इटावा के मुख्य विकास अधिकारी राजा गणपति आर की पहल पर शुद्ध पानी के लिए गांव स्तर पर आरओ प्लांट लगवाए जाने की योजना बनाई गई है। पहले चरण में जिले के सभी ब्लाकों की पांच-पांच ग्राम पंचायतों में आरओ प्लांट लगवाए जाएंगे। इस तरह जिले के आठ ब्लाकों के कुल 40 ग्राम पंचायतों में आरओ प्लांट लग जाएंगे जिससे इन गांवों के लोगों को शुद्ध पानी मिलेगा। यह आरओ प्लांट पंचायत घर में लगवाए जाने की योजना है जिससे कमरा बनवाने के लिए अतिरिक्त खर्च नहीं करना पड़ेगा। ग्राम पंचायतों से यह भी कहा गया है कि वे इसे अपनी कार्य योजना में शामिल करें और निर्धारित मूल्य पर कहीं से भी खरीद लें।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में ग्रामीण अभियंत्रण सेवा (आरईएस) से एस्टीमेट बनवाया गया है जिसके हिसाब से दो से ढाई लाख के बीच का खर्चा करके आरओ प्लांट लगाया जा सकता है। रकम की बचत के लिए पंचायतघर में ही इसे लगाने का सुझाव दिया गया है। हालांकि ग्राम पंचायतें स्वतंत्र हैं वे किसी अन्य स्थान पर कमरा बनवाकर भी आरओ प्लांट लगवा सकती हैं।
उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों से यह भी कहा गया है कि चूंकि इस पर लगभग दो लाख की रकम खर्च की जानी है, इसलिए टेंडर प्रक्रिया अपनाएं और टेंडर के बाद कामकाज शुरू करें । आरओ प्लांट लग जाने से जहां लोगों को शुद्ध पानी मिलेगा वहीं पंचायत इससे धन अर्जन भी कर सकती है। आरओ का पानी निर्धारित शुल्क पर गांव वालों को तथा बारात आदि में दिया जा सकता है। शुल्क निर्धारण में जिला प्रशासन का कोई दखल नहीं होगा।