संभल में 10 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों की नो एंट्री, जिला प्रशासन ने जारी किया आदेश

Edited By Ramkesh,Updated: 30 Nov, 2024 05:23 PM

entry of outsiders banned in sambhal till 10 december district administration

जिले में 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद यहां शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा की अवधि भी एक दिसंबर से बढ़ाकर...

संभल: जिले में 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद यहां शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने 10 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा की अवधि भी एक दिसंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी है। यहां जारी एक बयान में जिलाधिकारी राजेंद्र पेसीया ने कहा, “कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि जनपद की सीमा में बिना सक्षम अधिकारी की अनुमति के 10 दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा।” जिलाधिकारी ने यह भी कहा, “कोई भी व्यक्ति यदि सोशल मीडिया पर किसी समूह में अफवाह फैलाने का प्रयास करता है तो ‘ग्रुप एडमिन' उक्त पोस्ट हटाकर तत्काल इसकी सूचना पुलिस को देगा।

सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा कानून जिला में लागू 
जिले में साइबर कैफे एक रजिस्टर रखेंगे जिसमें प्रत्येक ग्राहक के नाम लिखे जाएंगे। संभल में कोई भी सार्वजनिक स्थल पर पुतला नहीं फूंकेगा।” यह कदम इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि समाजवादी पार्टी (सपा) का एक प्रतिनिधिमंडल हिंसा के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए शनिवार को संभल का दौरा करने वाला था। मुजफ्फरनगर से सपा सांसद हरेन्द्र मलिक को गाजियाबाद से संभल आने से रोक दिया गया। मलिक ने कहा, “मेरे समझ में यह नहीं आता कि हमें क्यों रोका जा रहा है। क्या विपक्ष के नेता, सांसद इतने गैर जिम्मेदार हैं कि उन्हें राज्य के भीतर घूमने नहीं दिया जा सकता। वहीं, मुरादाबाद से सपा सांसद रुचि वीरा के आवास को पुलिस ने चारों तरफ से घेर रखा है जिससे उन्हें संभल जाने से रोका जा सके। 

सरकार सब पर अंकुश लगा रही है 
मलिक ने कहा, “हमारे प्रतिनिधिमंडल में संभल से सपा सांसद जिया-उर-हमान बर्क और कैराना से लोकसभा सदस्य इकरा हसन भी शामिल हैं। हम क्या कर सकते हैं। यह सरकार एक निरंकुश शासक की तरह काम कर रही है।” कोई भी संभल की तरफ ना जा सके, यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस द्वारा निगरानी बढ़ाए जाने से गाजियाबाद सीमा पर भारी जाम लग गया। हरेंद्र मलिक को गाजियाबाद में डिवाइडर पर बैठे देखा गया। मलिक ने कहा, “मैं इस हिंसा से प्रभावित लोगों को सांत्वना देने के लिए संभल जाना चाहूंगा। लेकिन यह सरकार सभी चीजों पर अंकुश लगा रही है।” कैराना से सांसद इकरा हसन ने हापुड़ में संवाददाताओं से कहा, “संभल में हिंसा से प्रभावित लोग, हमारे अपने लोग हैं और हम उनके साथ रहना चाहते हैं। हम इस मुद्दे को लोकसभा में भी उठाएंगे। सरकार जब भी अनुमति देगी, हम निश्चित रूप से वहां जाएंगे।

भाजपा सरकार संभल हिंसा का सच छिपा रही: अखिलेश 
इस बीच, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ‘एक्स' पर कहा, “प्रतिबंध लगाना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती जिन्होंने दंगा-फसाद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता।” अखिलेश ने अपनी पोस्ट में कहा कि भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देती है, वैसे ही उसे संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक अमले को निलंबित कर देना चाहिए तथा उन पर ‘साजिशन लापरवाही' का आरोप लगाते हुए सच्ची कार्रवाई करके बर्खास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुकदमा भी चलना चाहिए। समाजवादी पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा, “संभल में हुई हिंसा की जांच के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर बनाए गए सपा प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं के घरों पर सरकार द्वारा पुलिस लगाकर उन्हें संभल जाने से रोकने की घटना, घोर निंदनीय एवं अलोकतांत्रिक है। भाजपा सरकार संभल हिंसा का सच छिपा रही है।

माता प्रसाद पांडेय बोले- भाजपा सरकार ने संभल में अघोषित आपातकाल लागू किया
सपा प्रतिनिधिमंडल को संभल जाने की अनुमति मिले।” इस बीच, माता प्रसाद पांडेय ने लखनऊ में अपने आवास के बाहर संवाददाताओं को बताया, “गृह सचिव संजय प्रसाद ने मुझे फोन कर संभल नहीं जाने का अनुरोध किया था। संभल के जिलाधिकारी ने भी मुझे फोन कर बताया कि जिले में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक 10 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी गई है। इसलिए मैं अब पार्टी कार्यालय जाऊंगा और इस मुद्दे पर चर्चा करूंगा।  पांडेय ने कहा, “यह सरकार संभल में शायद अपनी गलतियों को छिपाने के लिए मुझे रोकना चाहती है क्योंकि हमारे दौरे से कई गलतियां सामने आ जाएंगी।” शुक्रवार रात से ही पांडेय के आवास के बाहर भारी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात हैं। लखनऊ मध्य से सपा विधायक रविदास महरोत्रा ने कहा कि भाजपा सरकार ने अघोषित आपातकाल लागू कर दिया है। इस बीच, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि वर्तमान में संभल में स्थिति शांतिपूर्ण है और पुलिस एवं प्रशासन चौकसी बरत रहा है।

सपा को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए: भाजपा 
प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा, “संभल में स्थिति संवेदनशील है और निषेधाज्ञा लागू है। ऐसे में माता प्रसाद पांडेय और सपा को अपनी जिम्मेदारी का एहसास होना चाहिए और स्थिति सामान्य होने का इंतजार करना चाहिए। सपा का इरादा संदेहपूर्ण है क्योंकि इनके प्रतिनिधिमंडल में स्थानीय सांसद जिया-उर-हमान बर्क शामिल हैं जिन पर संभल में हिंसा भड़काने का आरोप है। वहां जाकर वह क्या बयान देंगे? ”

सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने शुक्रवार को कहा था कि पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के निर्देश पर विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय की नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को संभल जाएगा और वहां हुई हिंसा की विस्तृत जानकारी लेकर रिपोर्ट पार्टी प्रमुख को सौंपेगा। वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने  बताया कि दो दिसंबर को संभल मामले की जानकारी हासिल करने के लिए कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल वहां जाएगा।

संभल में अदालत के आदेश पर 19 नवंबर को जामा मस्जिद के पहली बार किये गये सर्वेक्षण के बाद से ही तनाव की स्थिति बनी हुई है। अदालत ने यह आदेश जिस याचिका पर दिया उसमें दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है वहां पहले कभी हरिहर मंदिर था। पिछले 24 नवंबर को मस्जिद का दोबारा सर्वेक्षण किये जाने के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प में चार लोगों की मौत हो गयी थी तथा 25 अन्य जख्मी हो गये थे।

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