Edited By Deepika Rajput,Updated: 04 Aug, 2019 05:25 PM
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोनभद्र नरसंहार मामले में बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल और पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटिल को निलंबित कर दिया है। इतना ही नहीं निलंबन के साथ इन पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
सोनभद्रः उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सोनभद्र नरसंहार मामले में बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल और पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटिल को निलंबित कर दिया है। इतना ही नहीं निलंबन के साथ इन पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
एस रामलिंगम को सोनभद्र का नया जिलाधिकारी और प्रभाकर चौधरी को नया पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया है। 3 सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। इस जांच कमेटी में प्रमुख सचिव श्रम सुरेश चंद्रा और कमिश्नर मिर्जापुर एके सिंह शामिल थे। जांच कमेटी की रिपोर्ट मिलने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी। सीएम ने कहा कि, इस विवाद की शुरूआत 10 अक्टूबर 1952 में कांग्रेस के एक नेता ने की थी। 1300 बीघा से अधिक की जमीन को 1989 में सोसाइटी की जमीन को व्यक्तिगत नाम पर पर किए जाने से विवाद शुरू हुआ। 2017 जमीन को बिक्री शुरू हो गई। फिर झगड़ा शुरू हुआ, जिसका अंत 17 जुलाई को देखने को मिला।
उन्होंने कहा कि 1989 में तैनात रहे राबर्ट्सगंज के तहसीलदार, एसडीएम के खिलाफ मुकदमा होगा। मौजूदा एसडीएम, सीओ, सहायक परगना अधिकारी, एसओ, एसआई, सहायक निबंधक को संस्पेंड कर दिया गया है। कोर्ट के आदेश के बिना प्रधान का साथ देने वाले एसपी अरुण प्रकाश पर भी कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने कहा, गलत ढंग से जमीन अपने नाम कराने वाले दो पूर्व आईएएस अफसरों की पत्नियों के खिलाफ भी मुकदमा होगा। पूरे मामले की जांच डीआईजी एसआईटी जे रविंद्र गौड़ के नेतृत्व में होगी। 3 महीने में इस पूरे मामले में दर्ज किए गए सभी मुकदमों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
गौरतलब है कि, गत 17 जुलाई को सोनभद्र जिले के उम्भा-सपही गांव में जमीन के विवाद को लेकर ग्राम प्रधान यज्ञदत्त भोटिया की तरफ से हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी में 10 ग्रामीणों की मौत हो गई थी। घटना के विरोध में विपक्ष लामबंद हो गया था। कांग्रेस, सपा, बसपा और रालोद समेत राज्य की सभी विपक्षी पार्टियों ने घटना की एक सुर में भर्त्सना की और प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ती हालत पर चिंता जताई थी।