Edited By Ajay kumar,Updated: 25 May, 2024 03:17 PM
माफिया पर कार्रवाई करने के बाद अब राज्य सरकार साइबर अपराधियों पर शिंकजा कसने जा रही है। इसके लिए संस्थागत रूप से कार्यप्रणाली विकसित कर कार्ययोजना तैयार की गई है। आचार संहिता समाप्त होते ही यूपी पुलिस का साइबर क्राइम विभाग अपनी टीम के साथ प्रदेशभर...
लखनऊ: माफिया पर कार्रवाई करने के बाद अब राज्य सरकार साइबर अपराधियों पर शिंकजा कसने जा रही है। इसके लिए संस्थागत रूप से कार्यप्रणाली विकसित कर कार्ययोजना तैयार की गई है। आचार संहिता समाप्त होते ही यूपी पुलिस का साइबर क्राइम विभाग अपनी टीम के साथ प्रदेशभर में सक्रिय हो जाएगा। इसके लिए हर जिले में जरूरी संसाधन भी जुटाए जा रहे हैं। 18 जिलों को छोड़ शेष सभी जिलों में थाने तैयार हैं। शेष थाने जगह न मिल पाने की स्थिति में जिलों की पुलिस लाइनों में खोलने के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही 1425 कार्मिकों की भर्ती करके थानों का संचालन शुरू किया जाएगा। साइबर अपराध रोकने के लिए गृह विभाग स्वयं नेतृत्व कर रहा है।
यूपी पुलिस के लिए चुनौती बना साइबर अपराध
साइबर अपराध से पूरा प्रदेश जूझ रहा है। यह अपराध उ.प्र. पुलिस के लिए चुनौती बन चुकी है। पूरे प्रदेश में प्रतिदिन हजारों मामले साइबर अपराध के दर्ज हो रहे हैं। ऐसी स्थित में प्रदेश सरकार ने इसे बड़ी चुनौती मानते हुए इसके लिए संस्थागत कार्यप्रणाली विकसित करने का निर्देश दिया है। गृह विभाग और साइबर क्राइम की टीम ने साइबर अपराधियों पर प्रहार करने के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली है। विशेष सचिव गृह योगेश कुमार स्वयं तैयारी की समीक्षा कर रहे हैं। चुनाव समाप्त होने के बाद इस दिशा में ठोस कदम उठाया जाएगा।
इन अपराधों को माना जाएगा साइबर अपराध
यूपीआई अकाउंट टेकओवर फ्राड, फिशिंग लिंक, विशिंग काल्स के माध्यम से किए जाने वाले अपराध, एटीएम कार्ड स्किमिंग फ्राड, स्क्रीन शेयरिंग, रिमोट एक्सेस ऐप के माध्यम से होने वाले फ्राड, सिम स्वैपिंग, सिम क्लोनिंग, चाइल्ड पोर्नोग्राफी, पहचान चोरी, एईपीएस फ्राड, साइबर बुलिंग, ई-वालेट फ्राड, नेट बैंकिंग फ्राड, पोंजी स्कीम, लोन एप फ्राड, आनलाइन जॉब फ्राड, लोन एप फ्राड, क्यू आर कोड फ्राड, लॉटरी फ्राड, जूस जैकिंग फ्राड, ई-मेल द्वारा कारित फ्राड, डीप फेक वीडियो फ्राड, सेक्सटार्सन फ्राड (हनी ट्रैप), वेबसाइट फ्राड, पिरामिड स्कीम फ्राड, ऑनलाइन जुआ, फर्जी बैंक रिकवरी, व्हाट्सएप हैकिंग, बैकिंग फ्राड, कॉल क्यूफिंग, ऑफर फ्राड, क्रेडिटकार्ड एक्टीवेशन फ्राड, डिस्काउंट फ्राड, पेमेंट स्यूफिंग एप्लीकेशन, क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड, रैंसमवेयर अटैक आदि को साइबर फ्राड की श्रेणी में माना जाएगा।
इन्होंने तैयार की है कार्ययोजना
साइबर अपराध रोकने के लिए पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। साइबर क्राइम के पुलिस उपमहानिरीक्षक पवन कुमार, पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार यादव, पुलिस उपाधीक्षक योगेंद्र कुमार ने प्रदेश में साइबर क्राइम थानों के संचालन की कार्ययोजना तैयार की है। गृह विभाग इसमें सहयोग कर रहा है।