Edited By Ramkesh,Updated: 05 Mar, 2025 08:32 PM

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दावा किया कि पिछले आठ वर्षों के उनके शासनकाल में राज्य हर दिशा में आगे बढ़ा है और वित्तीय अनुशासन की बदौलत कोई नया कर नहीं लगाने के बावजूद सरकार हर साल बजट के आकार को बढ़ाने में कामयाब हो रही...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को दावा किया कि पिछले आठ वर्षों के उनके शासनकाल में राज्य हर दिशा में आगे बढ़ा है और वित्तीय अनुशासन की बदौलत कोई नया कर नहीं लगाने के बावजूद सरकार हर साल बजट के आकार को बढ़ाने में कामयाब हो रही है। मुख्यमंत्री ने विधानपरिषद में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि ‘सर्वे संतु निरामया, वंचित को वरीयता' ध्येयवाक्य पर आधारित वित्त वर्ष 2025-26 के इस बजट में अंत्योदय से एक उन्नत अर्थव्यवस्था के रूप में ‘जीवन सुगमता' से ‘कारोबार सुगमता' तक, कृषि से लेकर गरीब कल्याण तक, आस्था से लेकर आजीविका तक, शिक्षा से स्वावलंबन तक, संस्कृति से समृद्धि तक और महिला सशक्तीकरण के संकल्प के साथ एक विकसित उत्तर प्रदेश के आधारशिला रखने का इरादा प्रकट किया गया है।
2024-25 की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत बजट अधिक
उन्होंने कहा कि आठ लाख आठ हजार 736 करोड़ रुपये का यह बजट 2024-25 की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक है तथा बजट का यह बढ़ा हुआ आकार अंतिम पायदान तक विकास पहुंचाने, मूलभूत ढांचे के विकास, आम जनता के जीवन स्तर को ऊपर उठाने और प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के साथ-साथ आर्थिक विकास को तेज करने की ईमानदार प्रतिबद्धता को दोहरा रहा है।
छह करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं
आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘इस बजट में दो लाख 25 हजार करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि केवल पूंजीगत व्यय के लिए रखी गई है। इसका मतलब बुनियादी ढांचागत विकास के लिए यह व्यवस्था की गई है। इससे अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होती है और रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं।'' उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश पिछले आठ वर्षों के उनके शासनकाल के दौरान हर दिशा में आगे बढ़ा है तथा 2016-17 की तुलना में प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक हो गयी है एवं छह करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं।
डीजल और पेट्रोल पर वैट कम किया
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी के मित्रों को अक्सर परेशानी होती है कि हम बजट के दायरे को क्यों बढ़ा रहे हैं। असल में बजट के दायरे को ही नहीं बढ़ाया जाता है बल्कि अपने घाटे को भी नियंत्रित किया जाता है। इसे राजकोषीय तथा वित्तीय अनुशासन का सबसे अच्छा उदाहरण माना जाता है। हम बजट का आकार लगातार बढ़ा रहे हैं वह भी तब, जब हमने पिछले आठ साल के दौरान कोई भी नया कर जनता पर नहीं लगाया है। बल्कि डीजल और पेट्रोल पर पहले से जो वैट था उसे कम किया है।
देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में यूपी
उन्होंने कहा,‘‘हमने दिखाया कि हम भ्रष्टाचार पर प्रहार करेंगे और ‘लीकेज' को रोकेंगे। इसी का परिणाम है कि आज हम बजट के दायरे को बढ़ाने में भी सफल हुए हैं। हमने विकास के लिए भी धन दिया है और हर एक विभाग की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए सरकार ने इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है।'आदित्यनाथ ने कहा कि नीति आयोग ने उत्तर प्रदेश को अपने राजकोषीय अनुशासन को बनाए रखने वाले देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में रखा है।
नीति आयोग ने यूपी की सराहना की
मुख्यमंत्री का कहना था कि नीति आयोग ने यह भी कहा है कि 2018-19 और 2022-23 के दौरान मौद्रिक स्वास्थ्य सूचकांक 8.9 अंकों के साथ आगे बढ़ा है तथा 2018 से 2023 तक की अवधि में राज्य का पूंजीगत व्यय भी 14.8 प्रतिशत एवं 19.3 प्रतिशत रहा है। यानी उत्तर प्रदेश बहुत बेहतर स्थिति में तेजी के साथ आगे बढ़ा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक ने भी 2024-25 की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश के सभी राज्यों की स्वयं की कर की प्राप्ति में उत्तर प्रदेश का अंश 2022-23, 2023—24 तथा 2024-25 में क्रमश: 9.9 प्रतिशत, 10.5 प्रतिशत और 11.6 प्रतिशत रहा है। यानी इसमें लगातार बढ़ोत्तरी हुई है।'
‘‘रिजर्व बैंक की रिपोर्ट की मुतरबिक यूपी सरकार ने कम कर्ज लिया
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन वर्षों में सभी राज्यों में राजस्व प्राप्ति के सापेक्ष ब्याज पर व्यय यानी जो सरकारों ने कर्ज लिया होता है उस कर्ज पर सरकार जो व्यय कर रही है वह अन्य राज्यों में क्रमश: 12.6 प्रतिशत, 12.3 प्रतिशत और 12.01 प्रतिशत रही है जबकि इसी अवधि में उत्तर प्रदेश का व्यय क्रमश: 10.3 प्रतिशत, 9.4 प्रतिशत और 8.9 प्रतिशत रहा है। यानी यह लगातार नीचे जा रहा है क्योंकि हम कर्ज कम ले रहे हैं। हमारे पास राजस्व उपलब्ध है। हम अपने धन का प्रदेश के विकास में बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं।'' उन्होने यह भी कहा कि 1950 से 2017 तक उत्तर प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) मात्र 12.75 लाख करोड़ तक पहुंच पाया था लेकिन यह 2017 से लेकर 2024-25 तक 27.51 लाख करोड़ तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि आगामी वित्त वर्ष के अंत तक इसे लगभग 32 लाख करोड रुपए तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
वृंदावन कॉरिडोर के लिए 150 करोड़ रुपये
आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में विभिन्न योजनाओं और बजट प्रावधानों का विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आस्था और अर्थव्यवस्था के समावेशी विकास को लेकर कार्य कर रही है तथा प्रयागराज कुंभ के आयोजन से उत्तर प्रदेश को 3.30 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक लाभ हुआ। उन्होंने कहा कि इसीलिए पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अयोध्या में 150 करोड़ रुपये, मथुरा-वृंदावन के लिए 100 करोड़ रुपये, बांके बिहारी मंदिर और वृंदावन कॉरिडोर के लिए 150 करोड़ रुपये, मिर्जापुर के लिए 200 करोड़ रुपये, नैमिषारण्य के विकास के लिए 100 करोड़ रुपये और चित्रकूट के लिए भी बजट में विशेष प्रावधान किया गया है।