Edited By Pooja Gill,Updated: 30 Sep, 2023 04:56 PM

Lok Sabha Election: भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटी हुई है। भाजपा इस चुनाव में सभी 80 की 80 सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है और मिशन 80 को पाने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए...
Lok Sabha Election: भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटी हुई है। भाजपा इस चुनाव में सभी 80 की 80 सीटों पर जीत हासिल करना चाहती है और मिशन 80 को पाने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती। इसलिए बीजेपी अपनी रणनीति में कुछ बदलाव कर रही है और अपनी करनी और कथनी को साबित करने के लिए 20 से 30 फीसदी तक महिलाओं को प्रत्याशी बनाने की तैयारी कर रही है। जिसकी वजह से कई वरिष्ठ सांसदों के टिकट काट भी सकती है।

बता दें कि इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी चयन में नारी शक्ति वंदन अधिनियम का असर देखने को मिलेगा। भाजपा ने चुनाव में 20 से 30 फीसदी तक महिलाओं को प्रत्याशी बनाने की तैयारी की है। इससे पहले लोकसभा चुनाव 2019 में एनडीए ने 80 में 11 यानी की 13.75 प्रतिशत सीटों पर महिलाओं को प्रत्याशी बनाया था। इसमें 10 बीजेपी और एक अपना दल एस की प्रत्याशी थी। प्रदेश में एनडीए के 66 लोकसभा सदस्यों में 57 पुरुष और 9 महिला सांसद हैं। इनमें बीजेपी की 8 और अपना दल एस की एक प्रत्याशी ने चुनाव जीता था। इसमें अमेठी से सांसद स्मृति ईरानी, फतेहपुर से बीजेपी सांसद साध्वी निरंजन ज्योति और मिर्जापुर से अपना दल की सांसद अनुप्रिया पटेल मोदी सरकार में मंत्री भी हैं।

जानकारी के मुताबिक, चुनाव के लिए बीजेपी के प्रत्याशी चयन में महिलाओं को पहल देने से पार्टी सांसदों में हलचल मच गई है। महिला प्रत्याशी बढ़ने से 10 से 15 मौजूदा सांसदों के टिकट कट सकते हैं। ऐसे में जब उनके टिकट काटे जाएंगे तो वो अपने परिवार की महिलाओं को प्रत्याशी बनाने का दबाव भी पार्टी पर बनाएंगे। अब देखना यह होगा कि क्या पार्टी परिवारवाद को बढ़ावा देगी या नए चेहरों को मौका देकर महिलाओं के बीच नया नेतृत्व खड़ा करने की कोशिश करेंगी?