मायावती ने भीम राजभर को बनाया यूपी अध्यक्ष, ओम प्रकाश बोले-नहीं दिला पाएंगे बसपा को सियासी लाभ

Edited By Ajay kumar,Updated: 17 Nov, 2020 06:13 PM

bhim rajbhar will not be able to get political benefits bsp op rajbhar

यूपी उपचुनाव में बसपा को मिली करारी हार के बाद मायावती ने संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुनकाद अली को हटाकर अति पिछड़े समाज से भीम राजभर को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाकर अलग संकेत दिए हैं।

यूपी डेस्क: यूपी उपचुनाव में बसपा को मिली करारी हार के बाद मायावती ने संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुनकाद अली को हटाकर अति पिछड़े समाज से भीम राजभर को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाकर अलग संकेत दिए हैं। सियासी जानकारों के मुताबिक बसपा अब सोशल इंजीनियरिंग के चलते नए सियासी समीकरणों से सत्ता में वापसी का दांव खेलेगी। 

भीम राजभर को बीएसपी उत्तर प्रदेश का नया अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर सुहलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। एक इंटरव्यू में राजभर ने कहा कि ओबीसी समाज कितना बीएसपी के साथ है, यह 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में देखा जा चुका है। 2022 के विधानसभा चुनाव में राजभर समाज का वोट उसी को जाएगा, जिसे हम चाहेंगे। 

राजभर ने कहा कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी ने अति पिछड़ी जातियों की जिस तरह से उपेक्षा की है, उसी का परिणाम है कि 2017 चुनाव जीतकर बीजेपी यूपी की सत्‍ता में आ गई है। 2022 के चुनाव में भीम राजभर बीएसपी को ओबीसी वोट नहीं दिलवा पाएंगे। भीम राजभर को बीएसपी ने बिहार का प्रभारी बनाकर भेजा था। वहां भी उपेंद्र कुशवाहा, मायावती और ओवैसी के गठबंधन के नाम पर मेरे ही नाम का इस्‍तेमाल किया गया। 2022 में उत्तर प्रदेश में उपेंद्र कुशवाहा, मायावती और ओवैसी के साथ गठबंधन करेंगे, इस पर ओमप्रकाश राजभर ने अपना रुख नहीं साफ किया। 

भीम राजभर के राजनीतिक रसूख पर तंज करते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने राजभर समाज के वोट मुस्लिम कैंडिडेट को देने को कह टैक्टिकल वोटिंग करवाई थी। बताते चलें कि 2012 में भीम राजभर मऊ सदर विधानसभा से चुनाव लड़े थे। भीम को मुख्‍तार अंसारी से चुनावी बिसात पर मात मिली थी। यह चुनाव मुख्‍तार अंसारी ने कौमी एकता दल से लड़ा था। कौमी एकता दल अंसारियों की खुद की राजनीति पार्टी थी, जिसका बाद में समाजवादी पार्टी में विलय कर दिया गया था।

ओमप्रकाश राजभर ने यह भी कहा कि केवल राजभरों का वोट भी अगर भीम को मिला होता तो वह जीत गए रहते। जो खुद को वोट नहीं दिलवा पाया, वह बीएसपी को भला क्या वोट दिलवा पाएगा। राजभर ने कहा कि 2022 में उसकी ही सरकार बनेगी, जिसके साथ भागीदारी संकल्प मोर्चा होगा। 
 

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