संविधान के प्रति जागरूकता लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत: मायावती

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Jan, 2020 06:43 PM

awareness of constitution augurs well for democracy mayawati

उत्तर प्रदेश समेत देश के कुछ राज्यों में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन का जिक्र किये बगैर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संविधान के प्रति महिलाओं और युवाओं में बढ़ती जागरूकता से देश को आशा की नयी...

लखनऊः उत्तर प्रदेश समेत देश के कुछ राज्यों में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन का जिक्र किये बगैर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संविधान के प्रति महिलाओं और युवाओं में बढ़ती जागरूकता से देश को आशा की नयी किरण और ऊर्जा मिल रही है जबकि इससे सरकार का परेशान होना लाजिमी है।

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मायावती ने शनिवार को कहा कि देश के मानवतावादी अनुपम संविधान के प्रति ख़ासकर युवकों और महिलाओं में बढ़ती जागृति एवं सम्मान से सरकार काफी परेशान दिख रही हैं लेकिन इससे देश को आशा की नई किरण और ऊर्जा मिल रही है, जो देश के लोकतंत्र एवं गणतंत्र के लिए काफी शुभ संकेत माना जा रहा है।      

उन्होंने कहा कि संविधान की मान-मर्यादा के प्रति मौजूदा भाजपा सरकार के रवैये को लेकर देश भर में लोगों का आक्रोश काफी व्यापक और अभूतपूर्व दिखाई पड़ता है। सड़कों पर उनके शालीन एवं शान्तिपूर्ण संघर्षों में संविधान और तिरंगा की प्रधानता पहली बार प्रमुखता लिए हुए है, जिससे देश में संविधान के सम्मान के प्रति नई ऊर्जा का संचार हुआ है और इससे सरकारें काफी हैरान परेशान नज़र आती है। संविधान को उसकी असली जनकल्याणकारी मंशा के हिसाब से लागू करके ही देश की 130 करोड़ गरीब और ईमानदार जनता का भला हो सकता है। आज भी देश में समता, स्वतंत्रता और बंधुता आदि संवैधानिक मूल्यों का घोर अभाव है तो इसका साफ मतलब है कि संविधान लागू होने के 70 वर्षों के दौरान देश के शासक वर्ग और सत्ता में रही पाटिर्याँ संविधान को अब तक उसकी सही मानवतावादी एवं जनकल्याणकारी मंशा के हिसाब से लागू करने में फेल साबित हुई है।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि वास्तव में संविधान को उसके सही कल्याणकारी एवं सार्थक अर्थ में लागू नहीं करना एक लोकतांत्रिक जुर्म है और खासकर भारत जैसे देश में संविधान के उद्देशिका के हिसाब से सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय को जमीनी हकीकत में बदल पाने की सही नीयत एवं नीति नहीं होने का ही परिणाम है कि आज देश में हर तरफ गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, भेदभाव और तनाव भयंकर रूप में विद्यमान है जिससे लोगों का जीवन इनसे बुरी तरह से त्रस्त व दुखी है। कांग्रेस पर निशाना साधते हुये सुश्री मायावती ने कहा कि देश में कांग्रेस के लम्बे शासनकाल के दौरान संविधान पर कई बार अघात लगाने का प्रयास हुआ है और जिसके लिए यहाँ की जनता नेे कांग्रेस को एक नहीं बल्कि कई बार कड़ी सजा भी दी है। कांग्रेस अब केन्द्र की सत्ता से बाहर है। 


 

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