Edited By Imran,Updated: 26 Dec, 2024 01:05 PM
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एक बुजुर्ग का माथा उस समय चकरा गया जब वह महीने का राशन लेने डीलर के पास पहुंचा। राशन डीलर ने उसे बताया कि वह जिंदा नहीं है, इसलिए उसे राशन नहीं दे सकता। अब बुजुर्ग खुद के जिंदा होने का सबूत देता फिर रहा है।
फ़िरोज़ाबाद (अरशद अली) : उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एक बुजुर्ग का माथा उस समय चकरा गया जब वह महीने का राशन लेने डीलर के पास पहुंचा। राशन डीलर ने उसे बताया कि वह जिंदा नहीं है, इसलिए उसे राशन नहीं दे सकता। अब बुजुर्ग खुद के जिंदा होने का सबूत देता फिर रहा है।
जानें मामले का विवरण
फिरोजाबाद में इन दिनों एक बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने के जद्दोजहद में लगा हुआ है। इतना ही नहीं जिंदा बुजुर्ग को कागजों में मृत दिखाकर उसका नाम भी राशन कार्ड से काट दिया गया है। इस बात का खुलासा तब हुआ जब बुजुर्ग राशन लेने डीलर के पास गया। जिस पर डीलर ने कहा कि तुम मर चुके हो, तुम्हें राशन नहीं मिलेगा। यह सुनते ही बुजुर्ग के होश फाख्ता हो गए। अब बुजुर्ग को जिंदा होने के सबूत देने पड़ रहे हैं।
राशन कार्ड में 8 बच्चों के भी नाम दर्ज
दरअसल, फिरोजाबाद के शिकोहाबाद में पूर्ति निरीक्षक विभाग ने एक जिंदा व्यक्ति को मृत दर्शाकर राशन कार्ड से उसका नाम हटा दिया। व्यक्ति के परिवार में उसके अलावा उसकी पत्नी है, लेकिन राशनकार्ड में परिवार के 8 सदस्यों के नाम थे। अब जीवित व्यक्ति अपने को जिंदा दिखाने के लिए अधिकारियों से गुहार लगा रहा है और राशन देने की मांग कर रहा है।
समय समय पर काटा गया परिवार के सदस्यों का नाम
बता दें कि लज्जाराम पुत्र लाखन सिंह निवासी नई बस्ती बोझिया लक्ष्मी नगर का उनकी पत्नी सीमा के नाम से राशनकार्ड था। जिस पर समय-समय पर वह राशन लेते थे। जब वह हाल ही में राशन लेने के लिए गए तो डीलर ने कहा कि लाखन सिंह की मृत्यु होने पर उनका नाम लिस्ट से हटा दिया गया है। जबकि वह जीवित थे। पीड़ित ने बताया कि उसके परिवार में पत्नी के अलावा कोई नही है, लेकिन उसके राशन कार्ड की पारिवारिक डिटेल को देखा तो उसमें अन्य 8 सदस्यों के नाम को समय समय पर काटा गया। उनके राशन कार्ड से 2024 में लज्जाराम को मृत दर्शाकर नाम काट दिया गया। उसके साथ ही बेटा श्रवण कुमार, शुभम, पंकज कुमार, अरुण कुमार, 2021 में अनिल कुमार, नैना, 2024 में बाबू, राजकुमारी, संजीव कुमार के नाम को निरस्त कर दिया गया।
बुजुर्ग का मृत्यु प्रमाण पत्र भी लगा दिया
सवाल यह है कि आखिर जब पीड़ित के कोई अन्य संतान नहीं तो फिर 8 नाम राशन में कैसे जोड़े गए। फिर नाम को कैसे काटा गया। पीड़ित ने जब राशन कार्ड की डिटेल निकलवाई तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई, क्योंकि पीड़ित को मृत दर्शा दिया गया। जबकि वह वर्तमान समय में जीवित है। किसी मृत का नाम हटाने के लिए मृतक का मृत्यु प्रमाण पत्र भी जरूरी होता है। ताज्जुब इस बात की है कि उसका मृत्यु प्रमाण पत्र भी लगा हुआ है। इस बारे में एसडीएम अंकित वर्मा का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। मामले की शिकायत आने पर जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी।
राशन डीलर ने बताई तहसील कर्मचारियों की गलती
राशन डीलर राहुल कुमार ने इस पूरे मामले पर कहा कि तहसील में कार्यरत कर्मचारियों की गलती से ऐसा हुआ है। उनकी गलती के कारण एक दूसरे लज्जाराम के नाम के साथ इनका नाम कट गया। हालांकि अब उनका ऑन लाइन कार्ड बन गया है। बुजुर्ग का नाम लज्जाराम है और यह अभी जीवित हैं।