Prayagraj News: पूर्व शहर काज़ी क़ारी सैय्यद मक़बूल हुसैन के जनाजे में उमड़ा जनसैलाब, नम आखों से दी गई अंतिम विदाई

Edited By Mamta Yadav,Updated: 22 Sep, 2024 01:59 AM

a huge crowd gathered in the funeral procession of qari syed maqbool hussain

शहर के मशहूर और लोकप्रिय पूर्व शहर काज़ी व चौक जामा मस्जिद के पूर्व इमाम क़ारी सैय्यद मक़बूल हुसैन हबीबी के इंतक़ाल के बाद उनकी नमाज़े जनाज़ा में एक बेमिसाल जनसैलाब उमड़ पड़ा। उनका इंतक़ाल शुक्रवार की रात करीब 11:45 पर हुआ  और उनकी नमाज़े जनाज़ा...

Prayagraj News, (सैय्यद आकिब रजा): शहर के मशहूर और लोकप्रिय पूर्व शहर काज़ी व चौक जामा मस्जिद के पूर्व इमाम क़ारी सैय्यद मक़बूल हुसैन हबीबी के इंतक़ाल के बाद उनकी नमाज़े जनाज़ा में एक बेमिसाल जनसैलाब उमड़ पड़ा। उनका इंतक़ाल शुक्रवार की रात करीब 11:45 पर हुआ  और उनकी नमाज़े जनाज़ा शनिवार रात 9 बजे शहर की ऐतिहासिक चौक जामा मस्जिद में अदा की गई। बड़ी संख्या में लोग उन्हें आखिरी विदाई देने के लिए मस्जिद और आसपास की गलियों में जमा हो गए थे। हर आंख नम थी और माहौल ग़मगीन।

बता दें कि शहर के कोने-कोने से लोग नमाज़े जनाजा में शामिल हुए। जहां क़ारी साहब ने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा इस्लामिक न्याय, शिक्षा में गुजारा था। उनके पास न सिर्फ धार्मिक विद्वता थी, बल्कि वह समाज के हर तबके में एक आदर्श और मार्गदर्शक के रूप में जाने जाते थे। उनकी शख्सियत ऐसी थी कि उन्होंने शहर के छोटे-बड़े मसलों को बड़े धैर्य और समझदारी से सुलझा दिया करते थे। जनाज़े में शामिल होने वाले लोग न सिर्फ शहर से, बल्कि आसपास के गांवों और दूसरे शहरों से भी आए थे। लोगों का हुजूम चौक जामा मस्जिद से लेकर उनके पैतृक निवास तक फैला हुआ था, जहां बाद में उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया। जनाज़े के दौरान पूरा शहर ग़म में डूबा हुआ दिखाई दिया। हर वर्ग और समुदाय से लोग इस मौके पर मौजूद थे, जो उनके प्रति सम्मान और प्यार का प्रतीक था। नमाज़ जनाजा शेखुल हदीस रहमत उल्लाह राईन साहब ने पढ़ाया।

क़ारी साहब के पैतृक निवास रसूलपुर पर भी लोगों का तांता लगा रहा, जहां उन्हें सुपुर्दे खाक किया गया। इस दौरान उनके परिवार के साथ लाखों लोग दुख की इस घड़ी में शरीक हुए। उज्जवल रमण सिंह हाजी परवेज एमएलए मान सिंह सभी राजनीतिक पार्टियों के पद अधिकारी शामिल थे। शहर की प्रमुख हस्तियों ने भी इस मौके पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी कमी को कभी पूरा नहीं किया जा सकेगा। उनकी जाने से शहर ने एक ऐसा क़ीमती रत्न खो दिया है, जिसकी चमक हमेशा के लिए बरकरार रहेगी।

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