Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 29 Jul, 2021 02:48 PM

यूपी में एंबुलेंस सेवा ठप कर आंदोलन कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ एक और सख्त कार्रवाई की गई। बता दें कि मंगलवार को 11 कर्मचारियों को बर्खास्त कर और 8 कर्मियों के खिलाफ एफआईआर कराए जाने के बावजूद हड़ताल पर डटे 581 और एंबुलेंस कर्मियों को नौकरी से हटा...
लखनऊः यूपी में एंबुलेंस सेवा ठप कर आंदोलन कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ एक और सख्त कार्रवाई की गई। बता दें कि मंगलवार को 11 कर्मचारियों को बर्खास्त कर और 8 कर्मियों के खिलाफ एफआईआर कराए जाने के बावजूद हड़ताल पर डटे 581 और एंबुलेंस कर्मियों को नौकरी से हटा दिया गया है। बर्खास्त किए जाने वालों में एंबुलेंस ड्राइवर व इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन एमटी भी शामिल है।
उधर, शासन की ओर से सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह एंबुलेंस की चाबी जमा कराएं और इसे चलाने के लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था करें। 60 प्रतिशत तक एंबुलेंस के संचालन का दावा किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ बीते रविवार की रात 12 बजे अचानक एंबुलेंस सेवा ठप किए जाने के बाद से मरीज बेहाल हैं। उन्हें तीमारदार निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचा रहे हैं तो वही यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने एंबुलेंस चालकों की हड़ताल के मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि कुछ खुराफाती यूनियन के कारण प्रदेश में ऐसी हड़ताल हो रही है। इससे पहले यूपी में 102 और 108 एम्बुलेंस सेवाओं के चालक अपनी मांग को लेकर हड़ताल कर रहे हैं।
बता दें कि यूपी में 108 एंबुलेंस सेवा की 2200, 102 एंबुलेंस सेवा की 2270 और एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम (एएलएस) की 250 एंबुलेंस चलाई जा रही हैं। ऐसे में कुल 4720 एंबुलेंस में करीब 23 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। प्रदेश में एएलएस एंबुलेंस सेवा की 250 एंबुलेंस चलाने की जिम्मेदारी जिगित्सा हेल्थ केयर को दी गई है। इसमें कार्यरत करीब एक हजार कर्मचारियों को अभी तक जीवीके ईएमआरआई प्रति माह 13,500 रुपए मानदेय दे रही है, लेकिन नई कंपनी ने 10 हजार रुपए वेतन और 20 हजार रुपए ट्रेङ्क्षनग के जमा करने को कहा। ऐसे में एलएलएस कर्मियों ने आंदोलन शुरू कर दिया और इनके समर्थन में 108 एंबुलेंस सेवा व 102 एंबुलेंस सेवा के कर्मी भी सोमवार से हड़ताल पर चले गए है।