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UP के इस जिले से फर्जी ओमान हाई कमिश्नर गिरफ्तार, VIP और सरकारी सेवाओं का उठा रहा था फायदा

Edited By Anil Kapoor,Updated: 14 Mar, 2025 07:06 AM

fake oman high commissioner arrested in ghaziabad

Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद जिले के कौशांबी क्षेत्र में पुलिस ने खुद को खाड़ी देश ओमान का उच्चायुक्त बताकर कई राज्यों में राजनयिकों जैसी सेवाएं लेने और प्रोटोकॉल रखने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उपायुक्त (ट्रांस हिंडन...

Ghaziabad News: उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद जिले के कौशांबी क्षेत्र में पुलिस ने खुद को खाड़ी देश ओमान का उच्चायुक्त बताकर कई राज्यों में राजनयिकों जैसी सेवाएं लेने और प्रोटोकॉल रखने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उपायुक्त (ट्रांस हिंडन क्षेत्र) निमिष पाटिल ने संवाददाताओं को बताया कि पकड़े गए व्यक्ति की पहचान कृष्ण शेखर राणा (66) के रूप में हुई है। वर्तमान में दिल्ली की अमर कॉलोनी में रह रहा राणा अनुचित लाभ प्राप्त करने के इरादे से फर्जी दस्तावेज बनाकर खुद को राजनयिक बताता था। उन्होंने बताया कि राणा पर भारतीय न्याय संहिता की सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। उसे गाजियाबाद में उत्तर प्रदेश के गेस्ट हाउस से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से एक मर्सिडीज कार, एक पहचान पत्र और 46 'विजिटिंग कार्ड' बरामद किए गए हैं।

फर्जी ओमान हाई कमिश्नर गिरफ्तार
पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि उसे अति विशिष्ट व्यक्ति (वीआईपी) श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। राणा के मुताबिक वर्ष 2024 में वह इंडिया जीसीसी ट्रेड काउंसिल नामक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) का सदस्य बना, जिसका उद्देश्य खाड़ी देशों के साथ भारत का व्यापार बढ़ाना है। बाद में वह विदेशों से व्यापार बढ़ाने के लिए उस एनजीओ का व्यापार निदेशक बन गया।

VIP और सरकारी सेवाओं का मिसयूज करने का आरोप
पाटिल के मुताबिक पुलिस ने ओमान दूतावास से उसके प्रमाण-पत्रों की पुष्टि की है, लेकिन अधिकारियों ने राणा के किसी भी तरह से संबद्ध होने से इनकार किया है। उन्होंने बताया कि राणा आगरा में जीव विज्ञान का प्रोफेसर था। वह आगरा में कृष्णा कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी नाम से कॉलेज और राजस्थान में एक रिसॉर्ट का मालिक भी है। सेवानिवृत्ति के बाद आरोपी वर्ष 2015 से 2018 तक केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय में अप्रेजल अथॉरिटी था जहां उसका काम पर्यावरण संबंधी मंजूरियां देना था।

जानिए, इस मामले में क्या कहना है डीसीपी का?
डीसीपी ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने खुद को 4 विश्वविद्यालयों का कुलपति बताया है। कुमाऊं विश्वविद्यालय और जयपुर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने पुलिस से उसके कार्यकाल की पुष्टि की है। अल्मोड़ा और मेवाड़ से अभी तक पुलिस को कोई जवाब नहीं मिला है। पर्यावरण मंत्रालय से भी पुलिस को इस संबंध में अभी तक कोई उत्तर प्राप्त नहीं हुआ है।

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