Edited By Anil Kapoor,Updated: 04 Jul, 2024 02:25 PM
Hathras stampede case: हाथरस में प्रवचनकर्ता ‘भोले बाबा' के सत्संग में मची भगदड़ में 100 से अधिक लोगों की मौत के एक दिन बाद कासगंज जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बहादुरनगर के निवासियों ने उनकी प्रशंसा की। ग्रामीणों का कहना है कि प्रवचनकर्ता भोले...
Hathras stampede case: हाथरस में प्रवचनकर्ता ‘भोले बाबा' के सत्संग में मची भगदड़ में 100 से अधिक लोगों की मौत के एक दिन बाद कासगंज जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बहादुरनगर के निवासियों ने उनकी प्रशंसा की। ग्रामीणों का कहना है कि प्रवचनकर्ता भोले बाबा ने कभी किसी से कोई दान या 'चढ़ावा' नहीं मांगा। बाबा नारायण हरि को साकार विश्व हरि भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है। वह पूर्व में पुलिस विभाग में काम करते थे लेकिन उनके विचारों से लोगों के जुड़ने और सत्संग भी जुटती भीड़ को देख उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और धार्मिक प्रवचनकर्ता बन गए। नारायण हरि ‘भोले बाबा' हाथरस के सिकन्दराराऊ में मंगलवार को एक सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत की घटना के बाद से खासी चर्चा में हैं।
बाबा अपने भक्तों से किसी तरह का दान या चढ़ावा नहीं मांगते: अनुयायी
स्थानीय लोगों के मुताबिक, ‘भोले बाबा' पहले अपने गांव में ही सत्संग करते थे लेकिन बाद में वहां काफी भीड़ होने लगी और गरीबों लोगों की फसलों को नुकसान होने लगा, इसलिये उन्होंने गांव में सत्संग बंद कर दिया। उनके अनुयायियों का दावा है कि बाबा अपने भक्तों से किसी तरह का दान या चढ़ावा नहीं मांगते। स्थानीय लोगों से जब पूछा कि बाबा ने बिना दान-दक्षिणा के कासगंज में इतना भव्य धाम कैसे बनाया, तो लोगों ने कहा कि यह भक्तों का दान है और बाबा ने उनसे कुछ मांगा नहीं था। महिलाओं का कहना है कि बाबा का आचरण बहुत अच्छा है और वह सिर्फ भगवान के बारे में ही बातें करते हैं। आश्रम के पास रहने वाले धन सिंह, मोहित कुमार और गांव के जय कुमार ने भी बाबा की प्रशंसा की और कहा कि वे और बड़ी संख्या में अन्य लोग अक्सर बाबा के सत्संग में जाते हैं। धन सिंह और मोहित कुमार ने बताया कि बाबा आश्रम के पास ही रहते हैं।
'भोले बाबा के सत्संग में अब तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई थी'
धन सिंह ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि ‘‘भोले बाबा के सत्संग में अब तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई थी। उनके सत्संग का माहौल बहुत बढ़िया होता था। जय कुमार ने बताया कि वह बाबा के जन्मस्थान बहादुरनगर से हैं और लोग उनके धार्मिक प्रवचनों के कारण उन्हें पसंद करते हैं। उनके सत्संग में लाखों लोग जुटते हैं, लेकिन ऐसी घटना कभी नहीं हुई। जय कुमार ने बाबा की खूब तारीफ की और कहा कि लोग उनके सत्संग में अक्सर आते हैं। जगजीवन राम उर्फ गोविंद ने बताया कि बाबा ने आगरा से सत्संग की शुरुआत की थी, जहां वह पुलिस में तैनात थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि बाबा की उम्र 60 साल से अधिक है और उनकी कोई संतान नहीं है। उन्होंने बताया कि बाबा ने एक लड़की को गोद लिया था, जिसकी मृत्यु करीब 16-17 साल पहले हो गई थी तथा बाबा ने दो दिन तक उसके शव को घर पर रखा था, क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि वह जीवित हो जाएगी।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, पुलिस के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने लड़की का अंतिम संस्कार किया था। बाबा के बारे में कहा जा रहा है कि वह इस वक्त मैनपुरी के बिछवां स्थित अपने एक आश्रम में हैं। मैनपुरी स्थित आश्रम के बाहर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गये हैं। मैनपुरी से प्राप्त खबर के मुताबिक, भगदड़ कांड के बाद मैनपुरी के बिछवां कस्बे में स्थित ‘भोले बाबा' के आश्रम के बाहर कड़ा सुरक्षा घेरा बनाया गया है। आश्रम के बाहर कई थानों की पुलिस मौजूद है और आश्रम के अंदर मीडिया सहित किसी को भी दाखिल होने की इजाजत नहीं दी जा रही है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि हाथरस में भगदड़ के बाद से बिछवां स्थित ‘भोले बाबा' के आश्रम में सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है। इस सवाल पर कि क्या बाबा आश्रम में मौजूद हैं, सिंह ने कोई जवाब नहीं दिया। हालांकि, खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि ‘भोले बाबा' आश्रम के अंदर हैं और उनकी सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर पुलिस बल तैनात किया गया है। हाथरस के पुलरई गांव में विश्वहरि ‘भोले बाबा' द्वारा आयोजित सत्संग के दौरान मंगलवार को मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं।