14 साल बाद बाबूलाल मरांडी की घर वापसी, JVM का BJP में हुआ विलय

Edited By Ajay kumar,Updated: 17 Feb, 2020 07:17 PM

babulal marandi returns home after 14 years jvm merges with bjp

झारखंड के पहले मुख्यमंत्री व झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की सोमवार को घर वापसी हो गई। 14 साल बाद वो भाजपा में फिर से शामिल हो गए।

रांचीः झारखंड के पहले मुख्यमंत्री व झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की सोमवार को घर वापसी हो गई। 14 साल बाद वो भाजपा में फिर से शामिल हो गए। इसके साथ ही बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमाे का भाजपा में विलय भी हाे गया। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यहां एक रैली में भगवा पार्टी में शामिल होने के लिए मरांडी और उनके समर्थकों का स्वागत किया। शाह ने मरांडी को आश्वासन दिया कि उन्हें भाजपा में उचित सम्मान और जिम्मेदारी मिलेगी। आपको बता दें कि मरांडी नवंबर 2000 से मार्च 2003 तक झारखंड के मुख्यमंत्री थे। चार बार सांसद रहे मरांडी ने 2006 में भाजपा से अलग हो कर अपनी ‘‘झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक)'' पार्टी बना ली थी।

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केन्द्रीय गृह मंत्री शाह ने बाबूलाल मरांडी का उनकी समस्त पार्टी के साथ भाजपा में स्वागत करते हुए कहा, ‘‘बिना सत्ता के कैसे लंबे समय तक समाज में काम किया जा सकता है, यह बाबूलाल मरांडी से सीखा जा सकता है। मरांडी को मैंने कभी भाजपा से बाहर का नहीं माना। 2014 में पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद से ही उन्हें भाजाा में वापस लाने का प्रयास कर रहा था। लेकिन, मरांडी बहुत जिद्दी है, इस वजह से उनकी वापसी में देरी हुई। बाबूलाल मरांडी आप घर वापस आए हैं। आज मैं बहुत प्रसन्न हूं। आपको यहां कभी बाहरी होने का एहसास नहीं होगा। कुछ निजी कारणों से वह पार्टी छोड़ गये थे लेकिन अब उनकी वापसी से पार्टी की ताकत झारखंड में कई गुना बढ़ जाएगी।''

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देखिए झाविमो का सफर

  • 2 मई 2006 में बाबूलाल मरांडी ने भाजपा छोड़ी।
  • 8 जनवरी 2007 में राजनीतिक दल के रूप में झारखंड विकास मोर्चा प्रजातांत्रिक का रजिस्ट्रेशन हुआ।
  • 3 अक्टूबर 2007 में भारत निर्वाचन आयोग में आवेदन किया। - 11 जून 2009 में निर्वाचन आयोग ने राज्यस्तरीय दल के रूप में मान्यता दी।
  • 24 जुलाई 2009 में चुनाव आयोग ने पार्टी काे कंघी चुनाव चिह्न बनाया।साथ ही 2009 में पहली बार विधानसभा में 11 विधायकों के साथ मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई।
  • 2014 में अकेले चुनाव लड़ा और उस समय उनके पास 8 विधायक थे जिनको लेकर वह विधानसभा पहुंचे। इसके बाद इनमें से 6 विधायक भाजपा में शामिल हो गए। -2019 के चुनाव में भी मरांडी ने सभी 81 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था।
  • 11 फरवरी 2020 में झाविमाे की केंद्रीय कार्यसमिति ने भाजपा में विलय का प्रस्ताव पास किया।
  • 17 फरवरी 2020 में बाबूलाल मरांडी ने भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है।  

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