Loksabha Election 2019: एक नजर मधुबनी लोकसभा सीट पर

Edited By Nitika,Updated: 03 May, 2019 01:51 PM

take a look at madhubani lok sabha seat

बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण के अन्तर्गत 4 और दूसरे चरण के अन्तर्गत 5, तीसरे चरण के अन्तर्गत 5 और चौथे चरण में 5 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुके हैं।

सीतामढ़ीः बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में चुनाव हो रहे हैं। पहले चरण के अन्तर्गत 4 और दूसरे चरण के अन्तर्गत 5, तीसरे चरण के अन्तर्गत 5 और चौथे चरण में 5 लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुके हैं। वहीं 6 मई को पांचवे चरण में 4 लोकसभा सीटों सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण, हाजीपुर में चुनाव होने जा रहे हैं। इस खबर में हम आपको मधुबनी लोकसभा सीट के बारे में कुछ बातें बताने जा रहे हैं।
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बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से एक मधुबनी लोकसभा सीट है। साल 1952 में मधुबनी सीट दरभंगा-पूर्व के नाम से जाना जाता था। इस सीट पर साल 1952 में पहले और 1957 में हुए दूसरे आम चुनाव में कांग्रेस के अनिरुद्ध सिन्हा सांसद चुने गए। साल 1962 में इस सीट से प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर योगेंद्र झा सांसद बने। साल 1967 में हुए चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के शिव चंद्र झा सांसद बने जबकि 1971 में कांग्रेस के टिकट पर जगन्नाथ मिश्रा मैदान में उतरे और संसद पहुंचे। साल 1976 में परिसीमन के बाद मधुबनी सीट अस्तित्व में आई और 1977 में इस सीट से जनता पार्टी के टिकट पर हुकुमदेव नारायण यादव सांसद बने। 1980 में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई और शफीकुल्ला अंसारी चुनाव जीते। चुनाव जीतने के 4 महीने के बाद ही उनका निधन हो गया और मई 1980 में ही यहां फिर उपचुनाव हुए, जिसमें सीपीआई के भोगेंद्र झा ने बाजी मारी।
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साल 1984 में यह सीट एक बार फिर से कांग्रेस के खाते में गई और मौलाना अब्दुल हन्नान अंसारी चुनाव जीतने में कामयाब रहे। साल 1989 और 1991 के चुनाव में इस सीट से सीपीआई के टिकट पर एक बार फिर से भोगेंद्र झा को ही जीत मिली। साल 1996 में सीपीआई के चतुरानन मिश्र चुनाव जीते जबकि 1998 के चुनाव में कांग्रेस के शकील अहमद सांसद चुने गए तो 1999 के चुनाव में यहां से बीजेपी के हुकुमदेव नारायण यादव फिर से चुनाव जीते। साल 2004 में कांग्रेस के शकील अहमद ने एक बार फिर से इस सीट पर वापसी की और संसद पहुंचे हालांकि इसके बाद 2009 और 2014 में यह सीट बीजेपी के कद्दावर नेता हुकुमदेव नारायण यादव के पास ही रही।

जिला विधानसभा क्षेत्र
मधुबनी हरलाखी, बेनीपट्टी, बिस्फी, मधुबनी
दरभंगा केवटी, जाले

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साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखें तो मधुबनी लोकसभा की कुल 6 विधानसभा सीटों में से 3 पर RJD, एक पर BJP, एक पर कांग्रेस और एक सीट पर RLSP को जीत मिली थी। इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में मधुबनी में कुल मतदाताओं की संख्या 17 लाख 80 हजार 846 है। कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 39 हजार 442, महिला मतदाताओं की संख्या 8 लाख 41 हजार 349 और ट्रांस जेंडर के कुल 55 मतदाता शामिल हैं।
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एक नजर साल 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
साल 2014 में इस सीट पर BJP के हुकुमदेव नारायण यादव ने 3 लाख 58 हजार 40 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं RJD के अब्दुल बारी सिद्दीकी 3 लाख 37 हजार 505 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि JDU के प्रोफेसर गुलाम गौस को 56 हजार 392 वोट मिले थे और वह तीसरे स्थान पर रहे थे।
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एक नजर साल 2009 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
साल 2009 की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी के हुकुमदेव नारायण यादव ने 1 लाख 64 हजार 94 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं RJD के अब्दुल बारी सिद्दीकी 1 लाख 54 हजार 167 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के डॉ. शकील अहमद को 1 लाख 11 हजार 423 वोट मिले थे और वह तीसरे स्थान पर रहे थे।
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एक नजर साल 2004 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर 
साल 2004 की बात करें तो कांग्रेस के डॉ. शकील अहमद ने 3 लाख 28 हजार 182 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं BJP के हुकुमदेव नारायण यादव 2 लाख 41 हजार 103 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि CPI के चतुरानन मिश्रा को 92 हजार 168 वोट मिले थे और वह तीसरे स्थान पर रहे थे।
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