Edited By prachi,Updated: 23 Oct, 2019 12:36 PM
बिहार के सुपौल जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक बुजुर्ग को अपने जिंदा रहने का प्रमाण देने के लिए जगह-जगह ठोकरें खानी पड़ रही हैं। इसके बाद भी बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने में नाकाम साबित हो रहा है। जानकारी के अनुसार, जिले...
सुपौलः बिहार के सुपौल जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां एक बुजुर्ग को अपने जिंदा रहने का प्रमाण देने के लिए जगह-जगह ठोकरें खानी पड़ रही हैं। इसके बाद भी बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने में नाकाम साबित हो रहा है।
जानकारी के अनुसार, जिले के छातापुर प्रखंड के रामपुर वार्ड नं तीन के रहने वाले बेचन झा को 2016 के मार्च के बाद वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिला। उन्होंने बताया कि इस पर वह प्रखंड कार्यालय पहुंचे तो काफी समय तक तो कर्मचारी और अधिकारी कभी आधार नंबर गलत होने की बात तो कभी बैंक अकाउंट गलत होने की बात कहकर मामले को टालते रहे।
बेचन झा ने बताया कि इस पर जब वे अपने ही पंचायत के सरकार भवन पहुंचे तो डाटा ऑपरेटर ने चेक कर उन्हें जानकारी दी कि आपको मृत घोषित कर दिया गया है इसलिए आपकी पेंशन बंद हो गई है। उन्होंने कहा कि पेंशन न मिलने के कारण वह दाने-दाने के लिए तरस रहे हैं और सरकार उन्हें जिंदा मानने को तैयार ही नहीं है।