Edited By prachi,Updated: 15 May, 2019 06:13 PM

लोकसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण के तहत बिहार की आठ लोकसभा सीटों पर 19 मई को मतदान होने हैं। इससे पहले छह चरणों में राज्य की 32 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं। सातवें चरण में नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट, जहानाबाद...
पटनाः लोकसभा चुनाव के सातवें व अंतिम चरण के तहत बिहार की आठ लोकसभा सीटों पर 19 मई को मतदान होने हैं। इससे पहले छह चरणों में राज्य की 32 सीटों पर चुनाव हो चुके हैं। सातवें चरण में नालंदा, पटना साहिब, पाटलिपुत्र, आरा, बक्सर, सासाराम, काराकाट, जहानाबाद लोकसभा सीट पर मतदान होने हैं। इस खबर में हम आपको पटना लोकसभा सीट के बारे में कुछ बातें बताने जा रहे हैं।
यह लोकसभा बिहार की राजधानी पटना जिले के अंतर्गत आती है। पटना का पुराना नाम पाटलिपुत्र या पाटलीपट्टन था जिसका प्रमाण 600 ईसा पूर्व मिलता है। पटना का नाम समय के साथ बदलता रहा। पाटलिग्राम, कुसुमपुर, अजीमाबाद और आधुनिक दौर में अब लोग इसे पटना के नाम से जानते हैं। इसका महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि चंद्रगुप्त मौर्य और समुद्रगुप्त जैसे पराक्रमी शासकों की यह राजधानी तो रही ही है कौटिल्य जैसे विद्वान यहां रहकर अर्थशास्त्र जैसी रचना लिखी। इस क्षेत्र में सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हुआ। पटना साहिब गुरुद्वारा को पंच तख्त भी कहा जाता है। इसके अलावा इस क्षेत्र में पटना विश्वाविद्यालय, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, चाणक्य विधि विश्व विद्यालय समेत कई बड़े शिक्षा संस्थान मौजूद है।

अब आपको इसके राजनीतिक इतिहास के बारे में बताते हैं। साल 2008 में हुए परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र अस्तित्व में आया। इसके पहले यह सीट पटना लोकसभा के नाम से जानी जाती थी। नए परिसीमन के बाद पटना और बाढ़ लोकसभा सीट को खत्म कर दिया गया और उसकी जगह पर साल 2008 में पटना साहिब और पाटलिपुत्र लोकसभा का गठन कर दिया गया। इसके बाद यहां पर दो लोकसभा चुनाव हुए हैं और दोनों ही बार भारतीय जनता पार्टी को यहां पर जीत मिली है। परिसीमन से पहले पटना लोकसभा क्षेत्र के लिए 14 लोकसभा के चुनाव हुए। आजादी के बाद यहां 1952 में हुए चुनाव में कांग्रेस के सारंगधर सिन्हा चुनाव जीते। 1957 में भी सारंगधर सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर दूसरी बार सांसद बने। 1962 में भी यह सीट कांग्रेस के पास ही रही और रामदुलारी सिन्हा सांसद चुने गए। इसके बाद 1967 और 1971 में सीपीआई के टिकट पर रामावतार शास्त्री सांसद चुने गए। 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर महामाया प्रसाद सिन्हा चुनाव जीते लेकिन 1980 में एक बार फिर से सीपीआई के टिकट पर रामावतार शास्त्री चुनाव जीते। 1984 में कांग्रेस ने फिर से वापसी की और सीपी ठाकुर सांसद चुने गए।
1989 में यह सीट पहली बार भारतीय जनता पार्टी के खाते में गई और शैलेंद्र नाथ श्रीवास्तव चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1991 और 1996 में रामकृपाल यादव जनता दल के टिकट पर चुनाव जीते। वहीं 1998 और 1999 में सीपी ठाकुर बीजेपी के टिकट पर सांसद बने। 2004 में राजद के टिकट पर रामकृपाल यादव चुनाव जीतने में कामयाब रहे। इसी के बाद इस सीट को परिसीमन के तहत खत्म कर पटना साहिब और पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र बना दिया गया जिसके बाद 2009 में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर शत्रुघ्न सिन्हा सांसद बने। वहीं 2014 में भी शत्रुघ्न सिन्हा ने यहां से बाजी मारी और संसद पहुंचे लेकिन 2019 में हो रहे चुनाव से ठीक पहले बाजेपी के वर्तमान सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम लिया है। इस बार शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं तो वहीं बीजेपी ने केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद सिन्हा को मैदान में उतारा है। ऐसे में इस सीट पर मुकाबला काफी रोचक होने वाला है।
पटना साहिब लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 6 विधानसभा सीटें आती हैं जिनमें पटना जिले की बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब और फतुहा विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
जिला |
विधानसभा क्षेत्र |
पटना |
बख्तियारपुर, दीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, पटना साहिब और फतुहा |

इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में पटना साहिब में कुल मतदाताओं की संख्या 21 लाख 36 हजार 800 है। कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 11 लाख 27 हजार 718, महिला मतदाताओं की संख्या 10 लाख 8 हजार 966 और ट्रांस जेंडर के कुल 116 मतदाता शामिल हैं।

एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
साल 2014 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के शत्रुघ्न सिन्हा ने 4 लाख 85 हजार 905 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं कांग्रेस के कुणाल सिंह 2 लाख 20 हजार 100 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि जेडीयू के डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा को 91 हजार 24 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।

2009 लोकसभा चुनाव के नतीजे
साल 2009 की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी के शत्रुघ्न सिन्हा ने 3 लाख 16 हजार 549 वोट हासिल कर जीत हासिल की थी तो वहीं RJD के विजय कुमार 1 लाख 49 हजार 779 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि कांग्रेस के शेखर सुमन को 61 हजार 308 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
