Edited By Deepika Rajput,Updated: 22 Apr, 2019 03:04 PM
बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में चुनाव होने हैं। पहले चरण के तहत चार और दूसरे चरण के तहत पांच लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुके हैं। 23 अप्रैल को तीसरे चरण के तहत 5 सीटों पर मतदान होने हैं...
पटनाः बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर सात चरणों में चुनाव होने हैं। पहले चरण के तहत चार और दूसरे चरण के तहत पांच लोकसभा सीटों पर मतदान हो चुके हैं। 23 अप्रैल को तीसरे चरण के तहत 5 सीटों पर मतदान होने हैं, जिसमें झंझारपुर, सुपौल, अररिया, मधेपुरा, खगड़िया शामिल है। इस खबर में हम आपको मधेपुरा लोकसभा सीट के बारे में कुछ बातें बताने जा रहे हैं।
जानिए क्या है मधेपुरा सीट का इतिहास?
1967 के चुनाव में इस सीट से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल ने चुनाव जीता और 1968 के उपचुनाव में भी उन्हीं को जीत मिली। 1971 में यह सीट कांग्रेस के खाते में गई और चौधरी राजेंद्र प्रसाद यादव चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1977 में भारतीय लोक दल के टिकट पर एक बार फिर से बिंदेश्वरी प्रसाद मंडल चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1980 में इस सीट पर चौधरी राजेंद्र प्रसाद यादव को जीत मिली। 1984 के चुनाव में कांग्रेस के चौधरी महावीर प्रसाद यादव विजयी रहे। 1989 में जनता दल ने इस सीट से चौधरी रमेंद्र कुमार यादव रवि को उतारा और उन्होंने जीत का परचम लहराया। 1991 और 1996 के चुनाव में जनता दल के टिकट पर शरद यादव चुनाव जीते और लोकसभा पहुंचे।
1998 में राजद सुप्रीमो लालू यादव यहां से चुनाव जीतने में कामयाब रहे। 1999 में फिर शरद यादव जदयू के टिकट पर यहां से चुनाव जीते। जबकि 2004 में लालू प्रसाद यादव एक बार फिर से जीतने में कामयाब रहे। बता दें कि लालू ने इस चुनाव में मधेपुरा और छपरा दो सीटों से लोकसभा का चुनाव जीता। हालांकि, मधेपुरा से उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राजद के टिकट पर ही राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2009 में यहां से जदयू के शरद यादव फिर जीतने में कामयाब रहे, लेकिन 2014 में यह सीट एक बार फिर से RJD के खाते में गई और पप्पू यादव सांसद बने। यहां यह भी बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान पप्पू ने अपनी नई पार्टी बनाई और इस बार वे अपनी ही पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।
मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र
साल 2008 में परिसीमन के बाद मधेपुरा लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल 6 सीटें आती हैं, जिनमें मधेपुरा जिले की आलमनगर, बिहारीगंज, मधेपुरा जबकि सहरसा जिले की सोनबरसा, सहरसा और महिषी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
मधेपुरा में मतदाताओं की संख्या
इस बार होने वाले लोकसभा चुनाव में मधेपुरा में कुल मतदाताओं की संख्या 18,74,3 है। कुल मतदाताओं में पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,70,675, महिला मतदाताओं की संख्या 9,3,286 और ट्रांस जेंडर के कुल 42 मतदाता शामिल हैं।
बता दें कि, साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम को देखें तो अररिया लोकसभा की 6 विधानसभा सीटों में से 3 पर जदयू और 3 पर राडद को जीत मिली थी।
एक नजर 2014 लोकसभा चुनाव के नतीजों पर
अब एक नजर पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों पर डालें तो साल 2014 में इस सीट पर राजद के राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने 3,68,937 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था तो वहीं जदयू के शरद यादव 3,12,728 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे। जबकि बीजेपी के विजय कुमार सिंह को 2,52,534 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
लोकसभा चुनाव 2009 के नतीजे
साल 2009 की बात करें तो जदयू के शरद यादव ने 3,70,585 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं राजद के प्रोफेसर रविंद्र चरण यादव 1,92,964 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि कांग्रेस के डॉ. तारानंद सदा को 67,803 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।
लोकसभा चुनाव 2004 के नतीजे
साल 2004 की बात करें तो राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने 3,44,301 वोट हासिल कर जीत का परचम लहराया था। वहीं जदयू के शरद यादव 2,74,314 वोट हासिल कर दूसरे स्थान पर रहे थे, जबकि बसपा के अरविंद साह को 21,152 वोट मिले थे और वे तीसरे स्थान पर रहे थे।