Edited By Nitika,Updated: 05 Aug, 2018 05:03 PM
उत्तराखंड में करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ी भगवान बद्री नारायण की आरती के रचनाकार को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। भगवान बद्री नारायण की आरती से जुड़ी पांडुलिपि रुद्रप्रयाग जिले के स्युपुरी गांव में मिली है।
रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में करोड़ों लोगों की आस्था से जुड़ी भगवान बद्री नारायण की आरती के रचनाकार को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। भगवान बद्री नारायण की आरती से जुड़ी पांडुलिपि रुद्रप्रयाग जिले के स्युपुरी गांव में मिली है।
जानकारी के अनुसार, रुद्रप्रयाग निवासी धन सिंह की चौथी और पांचवी पीढ़ी ने पांडुलिपि को सार्वजनिक करते हुए दावा किया है कि बद्री नारायण की आरती उनके पूर्वजों के द्वारा लिखित है। इसके पुख्ता प्रमाण आज भी उनके पास मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि 137 वर्ष पहले 1938 में धन सिंंह के द्वारा आरती को 11 पदों में लिखा गया, इसके प्रमाण इन दुर्लभ पांडुलिपियों में भी मिलते हैं। वहीं वर्तमान आरती में 7 पद हैं और आरती का पहला पद पांडुलिपि का पांचवां पद है।
इसके साथ ही उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बदरुदीन की शैक्षणिक योग्यता के प्रामाण नहीं हैं। उनके द्वारा लिखित आरती के पांडुलिपि संग्रह भी मौजूद नहीं हैं। इससे कहा जा सकता है कि उनके द्वारा केवल भ्रम फैलाया जा रहा है। वहीं चमोली जिले के नंदप्रयाग निवासी बदरुदीन द्वारा आरती लिखे जाने के प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि वह तत्कालीन समय में पोस्ट अॉफस में कार्य करते थे और वह बद्री केदार मंदिर समिति के सदस्य भी रह चुके थे।