देहरादूनः उत्तराखंड यातायात पुलिस की ओर से समारोहपूर्वक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने यातायात पुलिस (ट्रेफिक पुलिस) द्वारा प्रयोग किए जा रहे आधुनिक यंत्रों की प्रदर्शनी लगाने के साथ सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता के लिए निर्मित आडियो और वीडियो का विमोचन किया।
डीजीपी ने रिजर्व पुलिस लाईन में यातायात निदेशालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक कंट्रोल की बात करें तो हम दो फ्रंट पर काम करते है। एक फ्रंट है ट्रैफिक को स्मूथली चलाना, जिससे जाम ना लगे और लोगों को असुविधा ना हो। जबकि दूसरा फ्रंट सड़क सुरक्षित हो और लोग अपनी जान कम गवाएं। उन्होंने कहा कि हमें 2 दिशाओं में काम करना है। ये काम बहुत बड़ा है इसका अंदाजा आप इस तरह लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब उत्तराखंड बना तो यहां 4 लाख दोपहिया और चारपहिया वाहन थे। जबकि आज 20 साल बाद यह वाहन लगभग 30 लाख हो चुके है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा सम्बन्धित कार्यों को किसी एक विभाग द्वारा ही सफल नहीं बनाया जा सकता इसमें सभी विभागों के समन्वय और जनमानस की सहभागिता जरुरी है। उन्होंने सुझाव दिया कि बेहतर भविष्य के लिए स्कूलों के पाठ्यक्रम में भी एक अध्याय ट्रैफिक का सम्मिलित होना चाहिए, जिससे बच्चों को भी इसकी पूरी जानकारी अच्छे से हो सके।
डीजीपी ने सड़क दुर्घटना के सबसे बड़े कारणों के लिए नशा कर ड्राइविंग करने, ओवरलोडिंग, वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात करने तथा रोमांचक बाइकिंग को जिम्मेदार ठहराते हुए ऐसा करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई करने पर जोर दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई ट्रैफिक पुलिसकर्मी इन पर कार्रवाई नहीं करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
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