Edited By Ramkesh,Updated: 10 Apr, 2025 03:38 PM

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के प्रयासों से बुंदेलखंड में शुरू हुई खेत तालाब योजना और सौर ऊर्जा की परंपरा परवान चढ़ रही है। बूंद-बूंद पानी सहेजने के लिए सरकार खेत तालाब योजना पर काम कर रही है। इसके तहत तालाब की खुदाई पर पर सरकार 50 से 75 फीसद तक...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के प्रयासों से बुंदेलखंड में शुरू हुई खेत तालाब योजना और सौर ऊर्जा की परंपरा परवान चढ़ रही है। बूंद-बूंद पानी सहेजने के लिए सरकार खेत तालाब योजना पर काम कर रही है। इसके तहत तालाब की खुदाई पर पर सरकार 50 से 75 फीसद तक अनुदान देती है। सामान्य वर्ग के लघु सीमांत किसानों को लागत का 50 फीसद या 80 हजार रुपये और इसी वर्ग के अनुसूचित एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों को 75 फीसद या एक लाख रुपये तक का अनुदान देय है।
5000 तालाबों की सरकार करवा चुकी है खुदाई
योजना के तहत अब तक करीब 5000 तालाबों की खुदाई हो चुकी है। इन तालाबों में संचित बारिश का पानी सूखे के समय में सिंचाई और मवेशियों के पीने के काम आता है। बिजली की खेती के लिए योगी सरकार का बुंदेलखंड में सौर ऊर्जा पर खास फोकस है। इसके एक साथ कई लाभ हैं। उत्पादन में किसी तरह का प्रदूषण न होने के कारण यह इकोफ्रेंडली है। इसीलिए इसे हरित ऊर्जा भी कहते हैं। ग्लोबल वार्मिंग, ग्रीन हाउस गैसों और अन्य वजहों से मौसम में आया अप्रत्याशित बदलाव पूरी दुनिया के लिए बेहद गंभीर चुनौती है। इससे निपटने के लिए सभी देश ग्रीन एनर्जी की प्रोत्साहन दे रहे हैं।
यूपी में बिजली की खपत सालाना 16 फीसद की दर से बढ़ रही है
बुंदेलखंड के जरिये उत्तर प्रदेश इस क्षेत्र में मिसाल बन सकता है। एक अनुमान के अनुसार प्रदेश में बिजली की खपत सालाना 16 फीसद की दर से बढ़ रही है। बढ़ते तापमान की वजह से आने वाले वर्षों में यह और बढ़ेगी। अगले दो तीन साल में यह खपत 53 हजार मेगावाट या इससे अधिक की हो जाएगी। ऐसे में योगी सरकार पारंपरिक ऊर्जा प्रणाली, थर्मल और हाइड्रो पावर पर निर्भरता कम करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसकी मुख्य वजह थर्मल और हाइड्रो पावर के जरिये बिजली उत्पादन में आने वाले भारी भरकम खर्च से बचना और पॉल्यूशन के बढ़ते स्तर को कम करना है।
सोलर एनर्जी पर फोकस करने का दे रही निर्देश
गौरतलब है कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने में सबसे अहम भूमिका बिजली की होगी। दरअसल, योगी सरकार की नीतियों को देखते हुए विदेश के साथ देश के विभिन्न राज्यों के निवेशक यहां पर बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए आ रहे हैं। ऐसे में औद्योगिक गतिविधियों को चलाने के लिए बिजली की डिमांड काफी बढ़ जाएगी। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को इस खपत को पूरा करने के लिए सोलर एनर्जी पर फोकस करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए योगी सरकार नई उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 भी लेकर आई है, जिसके तहत सौर ऊर्जा को बढ़ाने के लिए कई तरह की रियाततें दी गईं हैं।
टूरिज्म के जरिये बुंदेलखंड का होगा विकास
बुंदेलखंड सोलर एनर्जी के लिहाज से सबसे मुफीद जगह है। चित्रकूट और झांसी के दो डिफेंस नोड यहीं हैं। सरकार झांसी और कानपुर के बीच बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण (बीडा) के नाम से नया औद्योगिक शहर बना रही है। ललितपुर में फार्मा पाकर् पर भी काम चल रहा है। चित्रकूट धाम विकास कॉरिडोर के जरिये जिस तरह चित्रकूट के विकास और एडवेंचर टूरिज्म के जरिये बुंदेलखंड के किलों, गढ़ और गढि़यों के विकास का काम चल रहा है, उससे आने वाले दिनों में यहां पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी।नए होटल रेस्टोरेंट भी खुलेंगे। इस वजह से भी बिजली की खपत बढ़ेगी।
योगी सरकार बुंदेलखंड को सोलर एनर्जी के हब में के रूप में विकसित करना चाहती है। इसके तहत चित्रकूट में 3400 एकड़ पर 800 मेगावाट की क्षमता वाला सोलर प्लांट बनेगा। इससे सालाना 1900 मिलियन यूनिट बिजली मिलेगी। इसी क्रम में झांसी में सालाना 600 मेगावाट की वार्षिक क्षमता वाला सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। ललितपुर में 1400 मिलियन यूनिट की वार्षिक उत्पादन की क्षमता वाला प्लांट लगेगा। बुंदेलखंड से लगे कानपुर शहर और देहात को भी अगर इसमें शामिल कर लें तो यहां भी सौर मंडल से 110 मेगावाट सालाना बिजली पैदा होगी।