Edited By Pooja Gill,Updated: 19 Sep, 2024 12:00 PM
Prayagraj News: तीर्थराज प्रयाग में पिछले 24 घंटे के दौरान गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है जबकि यमुना के घटने की रफ्तार गंगा से तेज है। गंगा फाफामऊ में 15, छतनाग में 18 जबकि नैनी में यमुना 65 सेंटीमीटर घट गई हैं...
Prayagraj News: तीर्थराज प्रयाग में पिछले 24 घंटे के दौरान गंगा का जलस्तर धीरे-धीरे घट रहा है जबकि यमुना के घटने की रफ्तार गंगा से तेज है। गंगा फाफामऊ में 15, छतनाग में 18 जबकि नैनी में यमुना 65 सेंटीमीटर घट गई हैं। बाढ़ नियंत्रण कक्ष द्वारा प्राप्त आंकड़ों के अनुसार मंगलवार दोपहर 12 बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 83.94 मीटर, छतनाग में 82.83 और नैनी में यमुना का जलस्तर 83.69 मीटर दर्ज किया गया था। बुधवार दोपहर उसी समय फाफामऊ में गंगा 15 सेंटीमीटर घटकर 83.79 मीटर, छतनाग 18 सेंटीमीटर घटकर 82.65 मीटर और नैनी में यमुना 65 सेंटीमीटर घटकर 83.04 मीटर पर बह रही हैं।
लोगों के सुगम आवागमन के लिए लगाई 66 नाव
आंकड़ों के अनुसार, फाफामऊ में गंगा प्रति चार घंटे में एक सेंटीमीटर घट रहीं हैं जबकि छतनाग में गंगा और नैनी में यमुना का जलस्तर अभी स्थिर बना हुआ है। गंगा का जलस्तर पिछले सोमवार को दोपहर में 84.07 मीटर तक पहुंच गया था। खतरे का निशान 84.73 मीटर है। प्रशासन ने जिले में बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के सुगम आवागमन के लिए 66 नाव लगाई हैं जिनमे फूलपुर तहसील के बदरा सोनौटी गांव में नौ, धेकरी उपरहार में चार, करछना तहसील के भगेसर देहली गांव में एक, हथसरा में एक, मनैया में एक एवं महेवा तहसील भुण्डा में एक, सदर तहसील के दारागंज में सात, सलोरी में एक, बघाड़ा में 10, रसूलाबाद में चार, राजापुर एवं बेली में 25, सोरांव तहसील के गंगानगर एक, फाफामऊ में एक नाव लगाई गई हैं।
बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा असर
जानकारी के मुताबिक, जिले की सदर तहसील में सात बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं। जिसमें 393 परिवार के 1694 लोगों को शरण मिला है। एनडीआरएफ की एक, एसडीआरएफ की दो, पीएसी बाढ़ राहत दल की दो और जल पुलिस की एक कंपनी लगा दी गयी है। गौरतलब है कि निचले इलाकों में अतिरिक्त सतकर्ता बरतने का निर्देश देते हुए स्नान घाटों स्नान, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी पर रोक लगा दी गयी है। गंगा यमुना के बढ़े जलस्तर से तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के मकान में पानी भर जाने के कारण लोगों को बेघर होना पड़ा है। छोटा बघाड़ा, पाल चौराहा, सलोरी और रसूलाबाद जैसे क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुसने के कारण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को गंदगी और बिजली कटौती की समस्या से हो रही परेशानी के कारण ठीक से पढ़ाई नहीं हो रही है।