Edited By Pooja Gill,Updated: 02 Jun, 2025 04:38 PM

UP News: बकरीद, जिसे ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है, मुस्लिम समुदाय का एक प्रमुख त्योहार है। बकरीद भारत में सात मई को मनाई जाएगी। इस त्यौहार से पहले बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री...
UP News: बकरीद, जिसे ईद-उल-अजहा के नाम से भी जाना जाता है, मुस्लिम समुदाय का एक प्रमुख त्योहार है। बकरीद भारत में सात मई को मनाई जाएगी। इस त्यौहार से पहले बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और मुरादाबाद में पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन के बीच विवाद छिड़ गया है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बकरीद पर जीव हिंसा को 'निंदनीय' बताते हुए विरोध किया है, जिस पर एसटी हसन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पलटवार किया है।
धीरेंद्र शास्त्री का बयान
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बकरीद पर जीव हिंसा को लेकर कहा, ''हम किसी भी प्रकार की बलि प्रथा के पक्ष में नहीं हैं। हम बकरीद के भी पक्ष में नहीं हैं। किसी को जीवित करने का अधिकार नहीं, तो मारने का भी नहीं।''
एसटी हसन का पलटवार
धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर पूर्व सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ''ऐसे लोग मुसलमानों को गालियां देकर ध्यान आकर्षित करते हैं और शायद बड़ा पद पाने की होड़ में हैं। कुर्बानी केवल इस्लाम में नहीं, बल्कि हिंदू धर्म में भी बलि प्रथा मौजूद है। हम अपनी अच्छी चीज को अल्लाह को कुर्बान करते हैं। अल्लाह हमारा और इन जानवरों को पैदा करने वाला और पालनहार है। उन्होंने कहा कि हम धार्मिक लोगों का सम्मान करते हैं, लेकिन जो दूसरे मजहब को दुष्ट कहें, उनका सम्मान नहीं करते। ऐसी बाते नफरत और दरार पैदा करती है। उन्होंने आगे कहा कि ''हर कोई योगी आदित्यनाथ नहीं बन सकता, ऐसी बयानबाजी करने से पहले सोचना चाहिए।
जीव हिंसा रोकनी चाहिएः धीरेंद्र शास्त्री
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हम स्वीकार करते है कि सनातन धर्म में भी बलि प्रथा रही है, लेकिन अब समय के साथ अहिंसा को अपनाने की जरूरत है। जीव हिंसा रोकनी चाहिए।''