UPPSC अभ्यर्थियों की मांग पर जल्द हो सकता है बड़ा फैसला, आयोग ने बुलाई हाईलेवल मीटिंग!

Edited By Ramkesh,Updated: 14 Nov, 2024 01:00 PM

uppsc can take a big decision soon on the demand of the candidates

त्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के ‘पीसीएस प्री' और ‘आरओ एआरओ' की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन तेज कर दिया है। इसे लेकर आयोग छात्रों की मांग पर बड़ा फैसला ले सकता है। सूत्रों से मिली...

UPPSC Protest in Prayagraj: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के ‘पीसीएस प्री' और ‘आरओ एआरओ' की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन तेज कर दिया है। इसे लेकर आयोग छात्रों की मांग पर बड़ा फैसला ले सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यूपी लोक सेवा आयोग के दफ्तर में बड़ी हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। चेयरमैन संजय श्रीनेत की अध्यक्षता में बैठक होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि आयोग छात्रों की मांग मानी जा सकती है। हालांकि अभी तक इसकी अधिकारिक कोई पुष्टि नहीं हुई है।

चौथे दिन भी छात्रों का अन्दोलन जारी 
आप को बता दें के ‘पीसीएस प्री' और ‘आरओ एआरओ' की परीक्षा दो दिन में संपन्न कराने के निर्णय के विरोध में अभ्यर्थियों का धरना प्रदर्शन आज चौथे दिन भी जारी  है।  बीते शाम उन्होंने यहां कैंडल मार्च निकाला। अभ्यर्थी अपनी एक दिन एक परीक्षा की मांग पर अड़े हैं। आंदोलन कर रहे छात्र प्रत्यूश सिंह ने बताया कि पिछले दो दिनों के मुकाबले आज छात्रों की संख्या कम है। हालांकि, आंदोलन कर रहे छात्र ‘एक दिन, एक परीक्षा' की अपनी मांग को लेकर आंदोलन जारी रखेंगे। आंदोलनकर्मी छात्र बुधवार सुबह से फिर से धरना प्रदर्शन में जुट गए और उन्होंने आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत के खिलाफ नारेबाजी की।

प्रतियोगी छात्रों की मांग पर दो दिन परीक्षा कराने का लिया गया है फैसला: आयोग 
प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा, “जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती तब तक हम आंदोलन जारी रखेंगे चाहे यह आंदोलन एक सप्ताह चले या कई सप्ताह। आयोग के अड़ियल रवैये के खिलाफ हम कैंडल मार्च निकाल रहे हैं।” मंगलवार को उप्र लोक सेवा आयोग ने एक बयान जारी कर कहा था, ‘‘समय-समय पर प्रतियोगी छात्रों के आग्रह पर बदलते समय की जरूरतों को देखते हुए व्यवस्था/परीक्षा प्रणाली में सुधार किया जाता रहा है।

पेपर लीक की घटना को रोकने के लिए सरकारी शिक्षण संस्थान को बनाया गया परीक्षा केन्द्र 
आयोग ने कहा, ‘‘अभ्यर्थियों की सुविधा के मद्देनजर पीसीएस की मुख्य परीक्षा से वैकल्पिक विषय हटाने का अभूतपूर्व निर्णय किया गया। इसी तरह से, अभ्यर्थियों के लंबे समय से ‘स्केलिंग' हटाने की मांग पूरी की गई।'' उप्र लोक सेवा आयोग के सचिव अशोक कुमार ने बताया था, ‘‘आयोग का दिशानिर्देश है कि सरकारी शिक्षण संस्थान को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाए और केंद्र मुख्यालय से 10 किलोमीटर के दायरे में हो। इससे पूर्व जब पेपर लीक हुआ था तो इन्हीं छात्रों ने मांग उठाई थी कि निजी संस्थानों को परीक्षा केंद्र ना बनाया जाए।

उन्होंने कहा, ‘‘जब सरकार ने छात्रों की मांग पर विचार करते हुए दिशानिर्देश बनाया तो अब ये छात्र विरोध कर रहे हैं। पीसीएस परीक्षा के लिए 5,76,000 परीक्षार्थियों का पंजीकरण है, जबकि सभी 75 जिलों में 4,35,000 परीक्षार्थियों के लिए ही सेंटर मिल पा रहे हैं। ऐसे में दो दिन परीक्षा कराना मजबूरी है।'' लोक सेवा आयोग के गेट के सामने धरने पर बैठे छात्रों के हाथों में अलग अलग नारे लिखी तख्तियां थीं जिसमें किसी में ‘बटेंगे नहीं, हटेंगे नहीं, न्याय मिलने तक एक रहेंगे' तो किसी में लिखा था, ‘एक दिन, एक परीक्षा'। आयोग द्वारा ‘पीसीएस प्री' की परीक्षा के लिए सात और आठ दिसंबर की तिथि घोषित की गई है, वहीं समीक्षा अधिकारी व सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ..एआरओ) प्री की परीक्षा के लिए 22 और 23 दिसंबर की तिथि घोषित की गई है।

 

 

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