UP: बेहतर और सुलभ शिक्षा को लेकर 700 करोड़ से ज्यादा खर्च करेगी योगी सरकार

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 05 Apr, 2023 05:06 PM

up yogi government will spend more than 700 crores for

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आगामी तीन माह में बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा पर 750 करोड़ से ज्यादा के बजट पर खर्च की कार्ययोजना बनाई है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि ये राशि इन ती...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आगामी तीन माह में बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा पर 750 करोड़ से ज्यादा के बजट पर खर्च की कार्ययोजना बनाई है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि ये राशि इन तीनों ही विभागों में पहले से जारी या नई योजनाओं पर खर्च की जाएगी। इनमें कई योजनाएं केंद्र द्वारा प्रायोजित हैं, जिन पर केंद्र सरकार द्वारा बजट की किस्त जारी होने और प्रदेश सरकार की मंजूरी के बाद व्यय किया जाएगा। उन्होने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग ने विभिन्न योजनाओं पर 121 करोड़ रुपए के बजट व्यय की कार्ययोजना बनाई है तो उच्च शिक्षा विभाग ने 20 करोड़ से अधिक राशि के खर्च की कार्ययोजना प्रस्तुत की है। वहीं माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 600 करोड़ से ज्यादा के बजट की प्राप्ति के आधार पर व्यय का अनुमान जताया है।
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सूत्रों के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग को पीएम श्री योजना के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार से 510 करोड़ रुपए का बजट प्राप्त होना है। विभाग ने शुरुआती तीन माह में इस योजना के अंतर्गत 76.10 करोड़ की धनराशि व्यय करने की कार्ययोजना बनाई है। पीएम श्री के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 के तहत देश भर के लगभग 14,500 सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करने की योजना है। स्कूलों को सौर पैनलों, स्मार्ट वेस्ट मैनेजमेंट के साथ ग्रीन स्कूल के रूप में भी विकसित किया जाएगा। इसके अलावा चिल्ड्रेन एंड एडोलसेंड्स लाइब्रेरीज एंड डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विभाग को 300 करोड़ का बजट प्राप्त होना है। विभाग की ओर से इस योजना पर 45 करोड़ रुपए खर्च किए जाने का प्लान है। इस योजना में केंद्र सरकार नेशनल लाइब्रेरी बनाएगी और राज्यों को वार्ड और पंचायत लेवल पर बच्चों तक इसकी पहुंच के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए प्रेरित करेगी।      
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माध्यमिक शिक्षा विभाग की बात करें तो पीएम स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) योजना के अंतर्गत 390 करोड़ का बजट मिलना प्रस्तावित है। यह केंद्र द्वारा प्रायोजित योजना है जिस पर व्यय स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता, शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत कार्ययोजना एवं आवंटित बजट के द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा सेल्फ फाइनेंस्ड स्कूलों में अध्ययनरत एक अभिभावक की दूसरी पुत्री की ट्यूशन फीस की प्रतिपूर्ति के लिए विभाग को 5 करोड़ के बजट का प्रस्ताव है। विभाग इस योजना के तहत शासन द्वारा प्राविधानित धनराशि की स्वीकृति के बाद जनपदों द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर अप्रैल के लिए 1.39 करोड़ का आवंटन किया जाएगा। चिल्ड्रेन एंड एडोलसेंड्स लाइब्रेरीज एंड डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर 237 करोड़ के बजट का प्रावधान है, जिस पर विभाग ने कहा है कि केंद्रांश की प्रथम किस्त जून 2023 में प्राप्त होने की संभावना है जिसके बाद शासन द्वारा स्वीकृति प्राप्त होने के बाद योजना के भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया जाएगा। माध्यमिक शिक्षा परिषद मुख्यालय एवं क्षेत्रीय कार्यालय के लिए क्रमश: 5 और एक करोड़ के बजट पर व्यय का विवरण प्राप्त कर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

उच्च शिक्षा विभाग ने भी आगामी तीन माह के लिए बजट व्यय की कार्ययोजना प्रस्तुत की है। इसके अंतर्गत स्किल हब की स्थापना के लिए 2.10 करोड़ के बजट का प्रावधान है। विभाग इसके लिए आवश्यक उपकरणों की खरीद व आधारभूत सुविधाओं की व्यवस्था करेगा। इस योजना के माध्यम से सरकार स्कूल छोड़ चुके छात्र-छात्राओं के लिए व्यवसायिक शिक्षा प्रदान करने और स्कूल के बाद तथा सप्ताहिक अवकाश के दिन स्किल ट्रेनिंग के शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेट कोर्स कराएगी। उच्च शिक्षा गुणवत्ता संवर्धन पर 2 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय की जाएगी। मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना पर 10 करोड़ रुपए, वार्ड स्तर पर डिजिटल लाइब्रेरी के लिए 5 करोड़ रुपए और रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए स्किल हब पर एक करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। कुल मिलाकर उच्च शिक्षा विभाग आगामी तीन माह में 20.1 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय करेगा। 

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