Edited By Imran,Updated: 17 May, 2025 12:43 PM

उत्तर प्रदेश के संभल में मनरेगा में फर्जीवाड़े से जुड़ा मामला सामने आया है। यहां दर्जन भर से अधिक मरे हुए लोगों को मनरेगा में मजदूर बनाकर उनसे मजदूरी करा ली गई। यही नहीं फर्जीवाड़ा कर तमाम लोगों की जाति बदल दी गई। खास बात यह है कि जो लोग गांव के मूल...
संभल ( मुजम्मिल दानिश ): उत्तर प्रदेश के संभल में मनरेगा में फर्जीवाड़े से जुड़ा मामला सामने आया है। यहां दर्जन भर से अधिक मरे हुए लोगों को मनरेगा में मजदूर बनाकर उनसे मजदूरी करा ली गई। यही नहीं फर्जीवाड़ा कर तमाम लोगों की जाति बदल दी गई। खास बात यह है कि जो लोग गांव के मूल निवासी है ही नहीं उनके नाम पर भी मनरेगा के तहत धनराशि निकाल गई। इन मजदूरों में प्रधान के मृतक ससुर और परिजन भी शामिल है लाखों रुपए के फर्जीवाड़ा के मामले में हड़कंप मचा तो जांच के आदेश जारी कर दिए गए। हालांकि शुरुआती जांच में एक लाख रुपए से अधिक का घपला सामने आया है जिसकी रिकवरी के आदेश दिए गए हैं वहीं जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात भी जिला प्रशासन की ओर से कही गई है।
पूरा मामला संभल जिले के पंवासा ब्लॉक के गांव अतरासी का है। यह गांव बहजोई स्थित जिला मुख्यालय से लगभग 8 किलोमीटर दूरी पर हाइवे पर स्थित है। हाईवे किनारे बसे इस गांव में मौजूदा ग्राम प्रधान सुनीता यादव हैं। आरोप है कि ग्राम प्रधान ने अपने मौजूदा कार्यकाल में मनरेगा के तहत फर्जीवाडा से संबंधित कई काम किए हैं। ग्राम प्रधान ने दर्जन भर से अधिक गांव के मृतक लोगों के नाम जॉब कार्ड में दर्शाकर उनसे कागजों में काम कराकर धनराशि को निकाल लिया गया। जबकि कई जॉब कार्ड में मजदूरों की जातियों को बदलकर उनके नाम से भी मजदूरी की रकम निकालकर हजम कर ली गई।
इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य को भी मनरेगा मजदूर बना दिया
इसके अलावा जॉब कार्ड में कुछ मजदूर तो ऐसे भी हैं जो गांव के मूल निवासी ही नहीं है यानी कि उनके नाम से भी रकम निकाल गई। मामला यहीं नहीं थमा है एक इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य को भी मनरेगा मजदूर बना दिया गया। हैरानी की बात है कि कई साल तक मनरेगा में घपलेबाजी होती रही लेकिन सचिव और जिम्मेदार अधिकारी अंजान बने रहे। ग्राम प्रधान पर आरोप है कि उन्होंने अपने सगे संबंधियों को भी मनरेगा में मजदूर बना दिया जबकि मृतक ससुर को भी मजदूर दर्शाकर उनके नाम से भी सरकारी धनराशि निकालकर इसका दुरुपयोग किया गया। इस मामले में जिला एवं शासन स्तर पर शिकायत की गई शिकायतकर्ता का दावा है कि उसके पास मनरेगा में घपलेबाजी से संबंधित दस्तावेजों के पुख्ता सबूत हैं उसी के आधार पर शिकायत की गई है।
आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान और संबंधित अधिकारियों की मिली भगत से मनरेगा में लाखों रुपए डकार लिए गए वही इस मामले में संभल के DM डॉ राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि यह पूरा प्रकरण 6 महीने पुराना है इस मामले में 105000 की रिकवरी वसूलने लेकर आदेश दिए गए हैं पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।