योगी के नेतृत्व में यूपी की कानून-व्यवस्था हुई चुस्त-दुरुस्त: डॉ महेन्द्र सिंह

Edited By Ajay kumar,Updated: 24 Oct, 2019 12:22 PM

the law and order of up under yogi s leadership has been streamlined

उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य की कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हुई है और अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण लगा है। डॉ0 महेन्द्र सिंह ने बुधवार को यहां...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री डॉ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य की कानून-व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हुई है और अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण लगा है। डॉ0 महेन्द्र सिंह ने बुधवार को यहां राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी आंकड़ों के विश्लेषण की संवाददाताओं को विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि क्राइम इण्डिया 2017 के अनुसार देश में कुल 30,62,579 आईपीसी के अपराध पंजीकृत हुए, जिनमें से 3,10,084 अपराध उत्तर प्रदेश में घटित हुए, जो कि देश में ऐसे पंजीकृत अपराधों का 10.1 प्रतिशत है। जबकि जनसंख्या के आधार पर प्रदेश की आबादी देश की आबादी का 17.65 प्रतिशत है। इस रिपोर्ट के आधार पर कुछ समाचार पत्रों द्वारा कुल अपराधों की द्दष्टि से राज्य में विभिन्न शीर्षक के तहत अपराधों का अधिक होना या बढ़ा हुआ बताया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि अपराध की स्थिति को समझने के लिए क्राइम रेट एक बेहतर एवं विश्वसनीय संकेतक है। एनसीआरबी मुताबिक सम्बन्धित वर्ग की प्रति एक लाख जनसंख्या के सापेक्ष अपराधों की संख्या को अपराध दर के रूप में परिभाषित किया गया है। यह एक स्थापित वास्तविक संकेतक है, जो राज्य के आकार और जनसंख्या में वृद्धि के प्रभाव को संतुलित करता है। अत: क्राइम रेट ही अपराधों की सही स्थिति समझने के लिए एक प्रामाणिक संकेतक है। जलशक्ति मंत्री ने कहा कि ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 में विभिन्न अपराध शीर्षकों में देश के राज्यों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति डकैती में 26वां, लूट में 16वां, हत्या में 22वां, नकबजनी में 31वां, बलात्कार में 22वां तथा महिला सम्बन्धी अपराध में 16वां स्थान कुल 24वां स्थान है।

आइये जाने उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति
उन्होंने यह भी कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 में प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई में देश के अन्य राज्यों एवं केन्द्रशासित प्रदेशों के सापेक्ष उत्तर प्रदेश की वर्तमान स्थिति भादवि के अपराधों में गिरफ्तारी में तीसरा, गिरफ्तार अभियुक्तों में से दोषसिद्ध में तीसरा, महिला सम्बन्धी अपराधों में दोषसिद्ध में पहला, साइबर अपराधों में दोषसिद्ध में पहला, शस्त्रों का जब्तीकरण में पहला, जाली मुद्रा के जब्तीकरण में अपराध पंजीयन में पहला तथा सम्पत्ति की बरामदगी में 5 स्थान है।

पुलिस की कार्रवाई में आई तेजी: डॉ.
डॉ0 सिंह ने कहा कि अपराधों के सम्पूर्ण आंकड़ों के साथ में यह भी देखना आवश्यक है कि हिंसात्मक अपराधों की स्थिति क्या है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में राज्य में 65090 हिंसात्मक अपराधों की तुलना में वर्ष 2017 में 64450 दर्ज हुए हैं, जो कमी दर्शाता है। जबकि वर्ष 2015 के सापेक्ष वर्ष 2016 में हिंसात्मक अपराधों में 27 प्रतिशत से भी अधिक वृद्धि हुई थी। अपराधों के अलग-अलग मदों के विश्लेषण से स्पष्ट है कि वर्ष 2017 में वर्ष 2016 के सापेक्ष हत्या में 11.5 प्रतिशत डकैती में 7.4 प्रतिशम लूट में नौ प्रतिशत उगाही में 54 प्रतिशत फिरौती के लिए अपरहण में 29.2 प्रतिशत की उल्लेखनीय कमी हुई है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में जनहित में शत-प्रतिशत मामले दर्ज किए जाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। स्पष्ट है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में मामलों को दर्ज किया जा रहा है, उसके बाद भी गम्भीर अपराधों में उपरोक्तानुसार गिरावट आई है तथा पुलिस की कार्रवाई में भी तेजी आई है।

अन्य राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों से उत्तर प्रदेश काफी बेहतर
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि प्रदेश पुलिस द्वारा अपराधियों के विरुद्ध की गई कार्रवाई एवं अपराधियों को सजा दिलाये जाने में देश के अन्य राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों से उत्तर प्रदेश काफी बेहतर है। सरकार के निरन्तर प्रयासों द्वारा जनसामान्य में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। इस बीच गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि 2018-19 के अपराध के आंकडे़ शीघ्र ही जारी किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हुये अपराधों में अभियोजन में काफी तेजी आई है। पॉस्को के तहत अब बहुत तेजी से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में अनर्गल सूचनाओं के प्रचार-प्रसार को भी मॉनीटर किया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन में अपर पुलिस महानिदेशक,कानून-व्यवस्था पी.वी.रामाशास्त्री एवं सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

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