Edited By Mamta Yadav,Updated: 16 Feb, 2025 05:27 PM
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बरेली के स्वास्थ्य विभाग में रोज़ कुछ न कुछ नया सुनने को मिलता है। इसी कड़ी में एक खबर बरेली के भोजीपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहाँ पर माँ राम देवी निवासी संजय नगर बरेली की 2019 में सेवाकाल में मृत्यु हो जाने के बाद मृत आश्रय की नौकरी...
Bareilly News, (जावेद खान): बरेली के स्वास्थ्य विभाग में रोज़ कुछ न कुछ नया सुनने को मिलता है। इसी कड़ी में एक खबर बरेली के भोजीपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहाँ पर माँ राम देवी निवासी संजय नगर बरेली की 2019 में सेवाकाल में मृत्यु हो जाने के बाद मृत आश्रय की नौकरी उनके पुत्र दिनेश कुमार को मिली। थोड़े समय तो वो नौकरी करता रहा लेकिन कुछ समय बाद दिनेश कुमार की जगह उसकी पत्नी राखी राठौर करने लगी। विभागीय साँठ गाँठ के चलते वर्षो से यह सिलसिला बराबर चला आ रहा है। यही नहीं सूत्रों की मानें तो दिनेश कुमार ने विकलांग सर्टिफिकेट भी ले रखा है।
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जब इसकी जानकारी पंजाब केसरी को लगी तब टीम ने भोजीपुरा सीएचसी का सच जानने के लिये दौरा किया तब यह जालसाज़ी देखने को मिली। देखा गया कि दिनेश कुमार का सीएचसी में कोई अता पता नहीं है लेकिन उनकी जगह उनकी पत्नी सरकारी कर्मचारी बनकर भोजीपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पर्चे बनाती मिलीं और बकायदा अपने आप ही अपने आप को सरकारी कर्मचारी घोषित कर दिया। यह दोनों पति-पत्नी सरकार की आँखों में सालों से धूलझोंक रहें हैं और बरेली स्वास्थ्य विभाग को भी अंधकार में रखकर बदस्तूर न सिर्फ सरकारी वेतन ले रहे हैं बल्कि सरकारी सुविधाओं का लाभ भी ले रहे हैं।
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पति विकलांग है...मैं यह नौकरी कर रही हूं तो क्या कोई अपराध है
इस पूरे प्रकरण में जब राखी राठौर से उनका पक्ष जानना चाहा तब उन्होंने यह कहते हुए बात खत्म कर दी तो क्या हुआ जब पति विकलांग है तब अगर मैं यह नौकरी कर रही हूं तो क्या कोई अपराध है। इस पूरे प्रकरण पर सीएमओ बरेली से बात करने गए तो वो ऑफिस में नही मिले। अब देखना यह होगा की इस धोखाधड़ी का मामला संज्ञान में आने के बाद बरेली स्वास्थ्य विभाग का क्या एक्शन होगा या यह सिलसिला यूँही बदस्तूर जारी रहेगा।